Ashok Gehlot Tweet: देश में गेहूं और आटे की कीमत चिंताजनक स्तर पर पहुंच चुकी हैं. बढ़ते दामों ने आम आदमी की जेब ढीली कर दी है. गेहूं के भाव को नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार कोशिशों में लगी हुई है. हालांकि, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसको लेकर चिंता जाहिर की है. 


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट कर लिखा, "देशभर के खुदरा बाजारों में आटे व गेहूं की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं. केन्द्र सरकार के आंकड़ों के मुताबिक आटे व गेहूं की कीमतें लगभग 30% तक बढ़ी हैं. यह राष्ट्रव्यापी संकट की स्थिति चिंताजनक है." इतना ही नहीं, अशोक गहलोत ने सरकार से अपील की है कि इन दामों को कंट्रोल में लाने के लिए कोई बड़ा एक्शन लें. उन्होंने एक और ट्वीट में लिखा, "केन्द्र सरकार को अविलंब राज्यों से समन्वय कर इन कीमतों पर नियंत्रण हेतु उचित कदम उठाने चाहिए."



कीमतों को नियंत्रित करने के लिए कदम उठा रही सरकार
गौरतलब है कि खाद्य सचिव ने कुछ दिन पहले कहा था कि गेहूं और आटे की खुदरा कीमतें बढ़ गई हैं और भारत सरकार इसको नियंत्रित  करने की तमाम कोशिशें कर रही है. समय-समय पर सरकार थोक उपभोक्ताओं और प्राइवेट व्यापारियों को खुले बाजार में पहले निर्धारित की गई कीमतों पर खाद्यान्न बेचने के लिए अनुमति देती है. 


'FCI में पर्याप्त स्टॉक'
वहीं, आटा मिलों ने सरकार से मांग की है कि एफसीआई से गेहूं के स्टॉक से अनाज बाजार में लाएं. खाद्य सचिव ने कहा कि आटे की बढ़ती कीमतों से हम अवगत हैं. सरकार इन दामों को कम करने के लिए कई विकल्पों के बारे में जांच कर रही है. जल्द ही सही विकल्प तलाश कर एक्शन लिया जाएगा. वहीं, उन्होंने बताया था कि एफसीआई के गोदाम में अनाज का पर्याप्त स्टॉक है.


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