Rajasthan Politics: राजस्थान की कांग्रेस सरकार बचाने में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) की भूमिका वाले बयान से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने यू टर्न ले लिया है. उन्होंने स्वीकार किया कि वसुंधरा से मेरे कभी भी अच्छे संबंध नहीं रहे. उन्होंने कहा कि धौलपुर में दिए गए मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया.
दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत नागौर जिले के मुआना में महंगाई राहत शिविर का अवलोकन करने पहुंचे थे. गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 2020 में कांग्रेस सरकार पर आए संकट को दूर करने पर वसुंधरा राजे के सहयोग की तारीफ की थी. सार्वजनिक भाषण में मुख्यमंत्री के बयान से चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था.
मुख्यमंत्री के बयान पर हमलावर हुए थे पायलट
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर हमलावर हुए सचिन पायलट ने कहा था कि 'आपकी नेता सोनिया गांधी नहीं बल्कि वसुंधरा राजे हैं. एक तरफ कहा जा रहा है कि कांग्रेस सरकार को गिराने का काम बीजेपी कर रही थी, दूसरी तरफ अब कहा गया कि कांग्रेस सरकार को बचाने का काम वसुंधरा राजे कर रही थीं'. पायलट ने आगे पूछा, 'सीएम गहलोत कहना क्या चाहते हैं? स्पष्ट करें.' अब यू टर्न लेते हुए सीएम गहलोत ने आरोप लगाया कि वसुंधरा राजे बदले की भावना से काम करती थीं.
अब नागौर में अशोक गहलोत ने लिया यू-टर्न
उन्होंने पचपदरा रिफाइनरी, अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी सहित कई बड़े प्रोजेक्ट रोकने का काम किया. उन्होंने कहा कि मेरा काम करने का तरीका अलग है. मैं प्यार की भावना से काम करता हूं. मुख्यमंत्री गहलोत ने एक करोड़ 35 लाख महिलाओं को जल्दी मोबाइल देने का वादा किया. उन्होंने बताया कि मोबाइल के साथ 3 वर्ष तक इंटरनेट भी मुफ्त में मिलेगा. हमारी सरकार स्वास्थ्य क्षेत्र में चिरंजीवी योजना के जरिए शानदार अव्वल काम कर रही है. इसके अलावा हम युवाओं को रोजगार देने और संबल देने के लिए भी लगातार प्रयासरत हैं.
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