Rajasthan में पैदा हो सकता है बिजली संकट, सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी को लिखा पत्र
Rajasthan News: सीएम अशोक गहलोत ने राज्य के बिजली संयंत्रों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार से कोयला ब्लॉक की मंजूरी में देरी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखी है.
Rajasthan CM Ashok Gehlot wrote a letter to Sonia Gandhi: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने राज्य के बिजली संयंत्रों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) से कोयला ब्लॉक (Coal Block) की मंजूरी में देरी को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चिट्ठी लिखी है. उन्होंने पत्र में राज्य में बिजली संयंत्रों के लिए छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) से कोयला खनन को लेकर तेजी से मंजूरी को उनसे हस्तक्षेप का आग्रह किया है. इस मामले में 3 महीने में सोनिया गांधी को लिखा गया ये दूसरा पत्र है. राजस्थान (Rajasthan) के बिजली घरों को कोयला खानें छत्तीसगढ़ में मिली हैं. लेकिन, राज्य स्तर पर मंजूरी में देरी से अधिकतर कोयला खनन का कार्य अटका पड़ा है. सीएम गहलोत ने इससे पहले एक दिसंबर, 2021 को सोनिया गांधी को पत्र लिखा था, उसके बाद उन्होंने 10 फरवरी को पत्र लिखा.
राजस्थान में पैदा हो सकता है बिजली संकट
न्यूज एजेंसी के पास उपलब्ध पत्र की प्रति के अनुसार, ''राजस्थान में बिजली संकट पैदा हो सकता है. इसका कारण 4,340 मेगावॉट क्षमता के बिजली संयंत्र के पास कोयले की कमी हो गई है. संयंत्र को छत्तीसगढ़ में आवंटित कोयला ब्लॉक से ईंधन नहीं मिल रहा.'' उन्होंने कहा कि, ''यह राजस्थान सरकार के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है और इससे अनिश्चितता की स्थिति पैदा हो सकती है क्योंकि दोनों राज्य कांग्रेस शासित हैं.''
कृपया मामले में हस्तक्षेप करें
सीएम गहलोत ने लिखा है कि, ''मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कृपया मामले में हस्तक्षेप करें और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री को सलाह दें कि भविष्य में राज्य में बिजली संकट से बचने के लिये राजस्थान को जल्द-से-जल्द खनन गतिविधियों को शुरू करने को लेकर कोयला ब्लॉक के लिए सभी जरूरी लंबित मंजूरियां सुनिश्चित करें.''
गहलोत ने सीएम भूपेश बघेल को भी लिखा था पत्र
उल्लेखनीय है कि पिछले साल सितंबर और अक्टूबर में राजस्थान के बिजली घरों में कोयले की कमी के कारण राज्य में कई-कई घंटे बिजली की कटौती हुई थी. गहलोत ने छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को इससे पहले पत्र लिखा था लेकिन मामले का हल नहीं निकलने के बाद उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखा है.
केंद्र सरकार ने आवंटित किए थे 3 कोयला ब्लॉक
केंद्र सरकार ने राजस्थान राज्य विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरवीयूएनएल) को 2015 में छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 3 कोयला ब्लॉक आवंटित किए थे. लेकिन, उनमें से केवल एक ही में उत्पादन शुरू हो पाया. 2 अन्य ब्लॉक प्रक्रिया संबंधी देरी में फंस गए. आरवीयूएनएल परसा पूर्व और कांता बसन (पीईकेबी) ब्लॉक से 1.5 करोड़ टन कोयले का उत्पादन करती है. अन्य परसा और केंते विस्तार ब्लॉक के खुलने से उत्पादन दोगुना हो जाएगा. आरवीयूएनएल के 4,340 मेगावॉट क्षमता के बिजली संयंत्र परसा पूर्व और कांता बसन ब्लॉक से जुड़े हैं.
खनन जारी रखना अत्यावश्यक है
सीएम गहलोत ने लिखा है कि, ''शुरू में, पहले चरण में इस कोयला ब्लॉक के 762 हेक्टेयर वन भूमि से खनन कार्य वर्ष 2013 में शुरू हुआ और वर्तमान में यह उच्च क्षमता पर काम कर रहा है. इस कोयला ब्लॉक से खनन फरवरी, 2022 के बाद समाप्त होने की आशंका है.'' उन्होंने कहा, ''इसीलिए, इस कोयला ब्लॉक से खनन जारी रखना अत्यावश्यक है और इसके लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ प्रयास किए जा रहे हैं.''
राज्य में बिजली महंगी हो गई है
यदि नई खानों में देरी होती है और मौजूदा खदानों में कोयले की कमी हो जाती है, तो राजस्थान में शुल्क दरों में और वृद्धि होगी क्योंकि कोयला या बिजली अथवा दोनों बहुत अधिक लागत पर बाहरी स्रोत से लेने को मजबूर होना पड़ेगा. इसका नकारात्मक राजनीतिक असर हो सकता है क्योंकि हाल ही में बिजली दरों में 33 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई थी. इस वृद्धि से राज्य में बिजली महंगी हो गई है.
छत्तीसगढ़ वन विभाग ने नहीं दी मंजूरी
गहलोत के अनुसार, परसा कोयला ब्लॉक में प्रतिवर्ष 50 लाख टन कोयले का उत्पादन करने की क्षमता है. इसी तरह, केंते विस्तार प्रतिवर्ष अतिरिक्त 90 लाख टन ईंधन दे सकता है. परसा पूर्व और कांता बसन ब्लॉक 2007 में राजस्थान बिजली कंपनी को आवंटित किए गए थे. परसा और केंते एक्सटेंशन 2015 में आवंटित किए गए थे. केंद्रीय पर्यावरण और वन मंत्रालय की पिछले साल 21 अक्टूबर को चरण-दो वन मंजूरी के बाद भी छत्तीसगढ़ वन विभाग ने अभी तक परसा के लिए खनन मंजूरी नहीं दी है.
ये है स्थिति
राजस्थान में बिजली उत्पादन परिसंपत्तियों में 40,000 करोड़ रुपये के निवेश का भविष्य इन कोयला ब्लॉक में उत्पादन पर निर्भर है. राज्य में 28,400 मेगावॉट की स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता है.
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