अग्निवीरों को CM भजनलाल का बड़ा तोहफा, 'पुलिस और जेल प्रहरी सहित इस भर्ती में मिलेगा आरक्षण'
Rajasthan Agniveer Reservation: CM भजनलाल शर्मा ने कहा कि हमारी सरकार ने सेना में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को पुलिस विभाग, जेल प्रहरी और वन रक्षक भर्ती में आरक्षण देने का फैसला किया है.
Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) ने अग्निवीरों (Agniveer) को सरकारी भर्तियों में आरक्षण (Reservation) देने का ऐलान किया है. शुक्रवार (26 जुलाई) को कारगिल विजय दिवस के मौके पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने के बाद सीएम ने कहा कि हमारी सरकार ने भारतीय सेना में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को पुलिस विभाग, जेल प्रहरी और वन रक्षक के रूप में आरक्षण देने का फैसला किया है.
दरअसल, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत करते हुए कहा कि "कारगिल युद्ध की 25वीं वर्षगांठ पर मैं उन वीरों को नमन करता हूं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए खुद को बलिदान कर दिया. पीएम नरेंद्र मोदी की अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में अपनी सेवा पूरी करने के बाद अग्निवीरों को हमारी राजस्थान सरकार ने उन्हें पुलिस विभाग और जेल प्रहरी और वन रक्षक के रूप में आरक्षण देने का फैसला किया है."
#WATCH | Delhi: Rajasthan CM Bhajanlal Sharma says, "I bow down in front of the Bravehearts of the Kargil war on its 25th anniversary, who sacrificed themselves for their motherland. On PM Modi's Agniveer scheme, our Rajasthan government has decided to give them reservations in… pic.twitter.com/WNKNwFJcAk
— ANI (@ANI) July 26, 2024
PM मोदी ने क्या कहा?
सीएम भजनलाल शर्मा का यह बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब पीएम मोदी ने अग्निपथ योजना को लेकर फैलाए जा रहे भ्रम पर विपक्ष को निशाना साधा है. पीएम ने कहा कि "अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युवा बनाना है. अग्निपथ का लक्ष्य सेनाओं को युद्ध के लिए निरंतर योग्य बनाकर रखना है. मगर दुर्भाग्य से राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े इस तरह के संवेदनशील मुद्दे को कुछ लोगों ने राजनीति का विषय बना दिया है."
पीएम ने आगे कहा कि "कुछ लोग सेना के इस सुधार पर भी अपने व्यक्तिगत स्वार्थ में झूठ की राजनीति कर रहे हैं. जबकि यह योजना सेना द्वारा किए गए आवश्यक सुधारों का एक उदाहरण है. दशकों से संसद और विभिन्न समितियों में सशस्त्र बलों को युवा बनाने पर चर्चा होती रही है. भारतीय सैनिकों की औसत आयु वैश्विक औसत से अधिक होना चिंता का विषय रहा है. इस मुद्दे को कई समितियों में वर्षों तक उठाया गया, लेकिन राष्ट्रीय सुरक्षा की इस चुनौती को हल करने की इच्छा शक्ति पहले नहीं दिखाई गई."
उन्होंने कहा कि "देश ने अग्निपथ योजना के माध्यम से इस चिंता का समाधान किया है, लेकिन कुछ लोग ऐसा भ्रम फैला रहे हैं कि सरकार पेंशन के पैसे बचाने के लिए ये योजना लेकर आई. ऐसे लोगों से मैं पूछना चाहता हूं कि आज आज की भर्तियों के लिए पेंशन का प्रश्न तो 30 साल बाद उठेगा तो फिर सरकार उसके लिए आज क्यों फैसला लेती. क्योंकि हमारे लिए राजनीति नहीं, देश की सुरक्षा सर्वोपरि है.