Prem Chand Bairwa: राजस्थान के उपमुख्यमंत्री डॉ प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनियमन विधेयक 2025 पर चर्चा के लिए प्रवर समिति को भेजा गया है. ध्वनि मत पर बिल को प्रवर समिति को भेजने का प्रस्ताव स्वीकार हुआ.


प्रवर समिति में भेजने से पहले उपमुख्यमंत्री डॉ बैरवा ने कहा कि कोचिंग सेंटर से विद्यार्थियों को सफलता प्राप्त हो रही है. देश की जीडीपी के साथ में देश की अर्थव्यवस्था में हमारा योगदान बढ़ रहा है. असफल होने पर विद्यार्थी को घोर निराशा होती है, किसी भी राष्ट्र की प्रगति का आधार उसकी शिक्षा व्यवस्था होती है.


राजस्थान शिक्षा में ज्ञान की भूमि रही है. कोटा में एक कोचिंग उद्योग बनकर रह गया है. कोचिंग संस्था व्यावसायिक लाभ के लिए ना चलें. उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य कोचिंग संस्थानों को परेशान करने का नहीं है वहां पढ़ रहे विद्यार्थियों को बेसिक सुविधा देने का है. इको फ्रेंडली वातावरण मिले यह सुनिश्चित करना है. अब कोई भी संस्था बिना सरकार में पंजीयन होने के नहीं संचालित हो सकेगी. कोचिंग सेंटर को एक वेबसाइट भी बनानी होगी.


पंजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी होगी


डॉ प्रेम चंद बैरवा ने कहा कि पंजीकरण की प्रक्रिया पारदर्शी होगी. राज्य स्तरीय कोचिंग नियंत्रण और विनियमन प्राधिकरण की स्थापना होगी. पूरे प्रदेश में कोचिंग संस्थानों पर निगरानी रखेगा. प्रत्येक जिले में जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में कमेटी बनेगी और स्थानीय निगरानी करेगी. छात्रों के मानसिक सेहत को प्राथमिकता दी जाएगी. शिक्षकों के विरुद्ध किसी भी तरह का आपराधिक मामला ना हो, सरकार कोचिंग संस्थानों के हितों को ध्यान में रखेगी. इस विधायक को प्रवर समिति में भेजने का प्रस्ताव करता हूं.


वहीं कांग्रेस ने इस बिल को दिखावा बताया. नेता प्रतिपक्ष टीका राम जूली ने कहा यह बिल कमजोर था, सरकार कोचिंग वालों से मिल गई, बिल कमजोर था, मनमर्ज़ी फ़ीस और सुसाइड रोकने का प्रावधान नहीं था, कोचिंग संस्था पर लगाम नहीं था.


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