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(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Rajasthan: गहलोत सरकार ने अवैध कॉलोनियों में लीज राशि 90% तक घटाई, लाखों लोगों को होगा फायदा
Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan: स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों ने सरकार को फीडबैक दिया था, जिसमें बताया गया कि लीज राशि अधिक होने के कारण भूखंडधारी पट्टे के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं.
Rajasthan Prashashan Shehro Ke Sang Abhiyan: राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने सरकारी और अवाप्त शुदा भूमि पर अवैध रूप से बनी कॉलोनियों को एक बार से लीगलाइजेशन करने का फैसला लिया है. इन कॉलोनी में बसे भूखंडों की लीज राशि में सरकार ने 90 प्रतिशत की कटौती की है. पहले राजस्थान सरकार की ओर से आरक्षित दर के अनुसार लीज की राशि दी जा रही थी, जो काफी कोस्ट भरी थी. अब सरकार ने सिर्फ आवंटन के अनुसार ही लीज की राशि लेने का फैसला लिया है, जिससे पूरे प्रदेश भर में अवैध तरीके से बसे लाखों भूखंड धारियों को फायदा होगा. सरकार ने 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान के तहत इन कॉलोनी को उपकृत करने का फैसला लिया है.
सरकार का कहना है कि 'प्रशासन शहरों के संग' अभियान में 10 लाख पट्टे जारी करने का लक्ष्य पूरा करने के लिए यह फैसला लिया गया है. स्वायत्त शासन विभाग के अधिकारियों ने सरकार को फीडबैक दिया था, जिसमें बताया गया कि लीज राशि अधिक होने के कारण भूखंडधारी पट्टे के लिए आवेदन नहीं कर रहे हैं, जिससे प्रशासन शहरों के संग अभियान में लोगों की रुचि कम दिखाई दी. सरकार को स्वच्छ प्रशासन विभाग ने प्रस्ताव बनाकर लीज की राशि को कटौती करने की मांग की. इसके बाद लीज राशि में कटौती करने का फैसला किया गया. अब लोगों को सहुलियत भी होगी और सरकार का राजस्व भी बढ़ेगा.
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पहले 25 प्रतिशत थी आवासीय आरक्षित दर
पहले सरकारी और अवाप्त शुदा भूमि पर बसी कॉलोनियों के आवंटन की आवासीय आरक्षित दर 25 प्रतिशत थी. भूखंडधारी इस दर को ज्यादा बताते हुए इसका विरोध कर रहे थे. इस आदेश के अनुसार लीज राशि की गणना आवासीय आरक्षित दर के आधार पर की जाती थी. लीज राशि बहुत अधिक मानते हुए भूखंडधारी प्रशासन शहरों के संग अभियान में भूखंड का पट्टा लेने में रुचि नहीं दिखा रहे थे. सरकार ने लीज की राशि में कटौती करने के बाद नए आदेश जारी किए हैं. आदेश के अनुसार 300 वर्गमीटर तक के भूखंडों पर लीज राशि अब आवंटन दर के अनुसार लगेगी.
दस साल की लीज के लिए देने होंगे इतने रुपये
आवंटन दर वही होगी, जो सरकार ने इस साल 1 जुलाई को जारी आदेश में निर्धारित की है. एक हजार रुपये प्रति वर्ग मीटर आरक्षित दर पर 10 प्रतिशत के अनुसार आवंटन दर 100 रुपये प्रति वर्गमीटर होगी. इसी तरह 100 रुपये प्रति वर्ग मीटर के अनुसार 2.5 प्रतिशत के हिसाब से लीज की गणना की जाएगी. इसके कारण जहां एक साल की लीज के 7500 रुपये देने पड़ते थे, अब नए आदेश के तहत केवल 750 रुपये ही देने होंगे. यदि भूखंडधारी को फ्री होल्ड का पट्टा लेना है, तो दस साल की लीज के लिए साढ़े सात हजार रुपये ही देने होंगे.
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प्रफुल्ल सारडा,राजनीतिक विश्लेषक
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