Rajasthan Violence: राजस्थान में एक महीने के भीतर तीन जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा, जानिए- पूरी डिटेल्स
Rajasthan Violence: राजस्थान के जोधपुर में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने एक बार फिर राज्य को दहला दिया है. आपको बता दें कि राजस्थान में ये एख महीने के अंदर तीसरी हिंसा हुई है.
Rajasthan Violence: राजस्थान में सांप्रदायिक हिंसा की वजह से लगातार उथलपुथल देखी जा रही है. हाल ही में राजस्थान के जोधपुर शहर में ईद की पहली शाम को दो समुदाय के लोगों में अलग-अलग झंडे लगाने को लेकर हिंसक झड़प हो गई थी. जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची बावजूद इसके दोनों समुदाय में पथराव शुरू हो गया. जिसमें करीब चार पुलिसकर्मी भी घायल हो गए थे. वहीं राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए हिंसाग्रस्त इलाके में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई. साथ ही बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात किया गया. लेकिन आपको बता दें कि ऐसा पहली बार नहीं हुआ जब यहां हिंसा भड़की हो. आइए आपको बताते हैं कि प्रदेश में कब-कब हालात बिगड़े?
झंडे को लेकर शुरू हुआ विवाद
दरअसल इस बार 2 मई के दिन ईद और परशुराम जयंती एक साथ मनाई जा रही थी और परशुराम जयंती के मौके पर रैली निकाली गई थी. इसके लिए शहर के जालोरी गेट चौराहे पर झंडे लगाए गए थे. जिसके बाद दूसरे समुदाय के लोगों ने उन झंडे को हटाकर अपने धर्म के झंडे वहां लगाने की कोशिश की. जिसके बाद ये विवाद शुरू हुआ. इसी बीच भीड़ ने नमाज के लिए वहां लगाए गए लाउडस्पीकरों को पोल से हदा दिया. इसके बाद दोनों समुदाय में पत्थरबाजी शुरू हो गई. हालातों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले दागे. वहीं शहर के दस थाना इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था.
लाउडस्पीकर को लेकर हुआ विवाद
वहीं इससे पहले 10 अप्रैल 2022 को भरतपुर में रामनवमी पर निकाली जा रही शोभायात्रा में लाउडस्पीकर में भजन बजाने को लेकर विवाद हो गया था. जिसमें शिकायत के बाद पुलिस ने धर्म स्थल के सामने चल रहे लाउडस्पीकर को बंद करवा दिया. इसके लिए हिंदू संगठनों के लोगों ने जाम लगाकर नारेबाजी की थी. इसके अलावा 17 और 18 अप्रैल को अलवर के राजगढ़ में 300 साल पुराने शिव मंदिर सहित 3 मंदिरों को गिराया गया. जिसको लेकर स्थानीय लोगों ने काफी हंगामा किया था.
बाइक रैली के पर पथराव के बाद भड़की हिंसा
वहीं इससे पहले दो अप्रैल को हिंदू नव वर्ष पर निकाली गई बाइक रैली पर विशेष समुदाय के लोगों ने पथराव किया था. इस पथराव की वजह से शहर के हटवारा बाजार में हिंसा भड़क गई. इस हिंसा में उपद्रवियों ने करीब 35 से ज्यादा दुकानों, घरों और बाइकों में आग लगा दी. शहर में हालातों के बिगड़ते हुए देख प्रशासन ने शहर में धारा 144 लागू कर दी थी. दो अप्रेल को हुई इस हिंसा में पुलिसकर्मियों समेत 43 से ज्यादा लोग घायल हुए थे.
हिंसा को लेकर आरोप-प्रत्यारोप
वहीं राज्य में लगातार हो रही हिंसा की घटना को लेकर अशोक गहलोत सरकार ने एक बार फिर बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. वहीं बीजेपी ने इस मामले पर गहलोत सरकार पर पलटवार करते हुए कहा कि, राज्य की गहलोत सरकार अब फेल हो चुकी है और अपराधियों को बचाने की कोशिश कर रही है. इतना ही नहीं गहलोत सरकार के मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इस मामले पर एक वीडियो भी बनाया औऱ उसमें हिंसा को प्री-प्लान्ड बताते हुए इसका जिम्मेदार बीजेपी और आरएसएस को ठहराया.