Rajasthan: गहलोत पायलट टकराव के बीच मंत्रियों का पारा हाई, अफसरों से नोक झोंक पर उतरे माननीय
राजस्थान में मंत्रियों और ब्यूरोक्रेसी में जो खींचतान चल रही है, सबके सामने है. सीएम गहलोत को टैग कर कई ट्वीट किए गए हैं, जिसमें मंत्रियों की नाराजगी साफ दिख रही है.
Rajasthan News: राजस्थान में मंत्रियों और अधिकारियों में खूब टकराहट बढ़ती जा रही है. पिछले 6 महीने से लगातार यह दृश्य देखने को मिल रहा है. अब बीकानेर में मंत्री रमेश मीणा द्वारा कलेक्टर के साथ किये गए व्यवहार की चर्चा है. राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी में टकराहट की यह कोई नई घटना नहीं है. इससे पहले कुछ और घटनाएं हुई हैं, जिन्हें जानना जरूरी है. आखिर यह टकराहट की स्थिति क्यों बनी है? क्या इसके पीछे की कोई और वजह है या सच में मंत्री ब्यूरोक्रेसी से परेशान हैं. यह सिलसिलेवार चलता जा रहा है. मंत्री अशोक चांदना, परसादी लाल, प्रतापसिंह खाचरियाचास के बाद के अब रमेश मीणा की इस घटना ने कई संकेत दिए हैं.
जलालत भरे मंत्री पद से मुक्त कर दें
27 मई 2022 को अशोक गहलोत सरकार में खेल मंत्री अशोक चांदना ने एक ट्वीट किया था, जिसमें चांदना ने आईएएस अफसर कुलदीप रांका पर निशाना साधा था. उन्होंने उस ट्वीट में यहां तक लिख दिया था कि सीएम उन्हें जलालत भरे मंत्री पद पद से मुक्त करके उनके सारे विभागों का चार्ज आईएएस अधिकारी कुलदीप रांका को दे दें. इसके बाद से लगातार मंत्रियों और अफसरों में तनाव का माहौल बना हुआ है. चांदना के ट्वीट को गंभीरता से लिया गया था.
एसीआर लिखने की मांग मंत्री ने उठाई
2 नवंबर को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रतापसिंह खाचरियाचास ने ब्यूरोक्रेसी पर हमला बोला. प्रताप ने मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव कुलदीप रांका और आशुतोष एटी पेडणेकर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. उस दौरान खाचरियावास ने बताया था कि मैने रांका को फोन किया लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया. उसी दिन खाचरियाचास ने यह बात भी बताई कि सीएम को पत्र लिखा है कि आईएएस अधिकारियों की एसीआर (वार्षिक कार्य मूल्यांकन) लिखने का अधिकार मंत्रियों को दिया जाए. उन्होंने इस बात का जिक्र किया था कि दूसरे राज्यों में अधिकारियों की एसीआर मंत्री भरते हैं. यहां भी मंत्री की नाराजगी अधिकारियों के प्रति साफ़ दिखी.
जब मंत्री ने अफसर को कहा 'गेटआउट'
4 नवंबर को दौसा जिले में बैठक हो रही थी और मंत्री परसादी लाल मीणा एक नौकरशाह पर नाराज हो गए. मंत्री ने उस अधिकारी को बैठक छोड़कर जाने के लिए कह दिया. दरअसल, नौकरशाह के साथ मंत्री परसादी लाल मीणा का विवाद विधायक निधि को लेकर हुआ था. बैठक के दौरान ही विधायक कोष से स्वीकृत किए कार्यों में लेटलतीफी को लेकर जिला परिषद के सीईओ शिवचरण मीणा को ‘गेट आउट’ कहते हुए परसादी लाल मीणा ने मीटिंग से बाहर निकाल दिया. इसके बाद फाइल लेकर शिवचरण मीणा बैठक से बाहर चले गए.
अब कलेक्टर को ही कर दिया बाहर
राजस्थान के पंचायत राज मंत्री रमेश मीणा ने बीकानेर कलेक्टर भगवती प्रसाद कलाल को हॉल से बाहर ही निकाल दिया. मंत्री रमेश मीणा मंच से कुछ बोल रहे थे और उस वक्त कलेक्टर मोबाइल फोन में व्यस्त थे. मीणा इससे नाराज हुए और उन्होंने कलेक्टर से कहा कि आप यहां से जाइये. बिना कुछ बोले वहां से कलेक्टर बाहर चले गए. हालांकि, बाद में मंत्री का बयान भी आया कि उनकी मुलाकात इस कलेक्टर से नहीं है. इसलिए कुछ कह पाना मुश्किल बताया.
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