Rajsthan News: सर्दी के मौसम में चढ़ा सियासी पारा, कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा तो बीजेपी कर रही जन आक्रोश रैली
राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां 19 दिसंबर को उदयपुर के कोटड़ा में सुबह 11 बजे जन आक्रोश सभा, 02 बजे खैरवाड़ा में जन आक्रोश सभा को संबोधित करेंगे.
Rajasthan News: राजस्थान में भले ही सर्दी का मौसम है लेकिन सियासत का पारा चढ़ा हुआ है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों के शीर्ष नेता मजबूती से दौरे और सभाएं कर रहे हैं. हाड़ौती क्षेत्र में जहां कुछ दिन पहले राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा गुजरी वहीं अब बीजेपी की जन आक्रोश सभाएं होने जा रही हैं. ये सभी कवायद 2023 के चुनाव को लेकर की जा रही हैं. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां 18,19, 20, 21 दिसंबर को कोटा, उदयपुर, प्रतापगढ़ और बांसवाड़ा जिलों में रहेंगे.
ये है पूनिया का कार्य्रकम
राजस्थान के बीजेपी अध्यक्ष सतीश पूनियां 19 दिसंबर को उदयपुर के कोटड़ा में सुबह 11 बजे जन आक्रोश सभा, 02 बजे खैरवाड़ा में जन आक्रोश सभा को संबोधित करेंगे. शाम पांच बजे सलूम्बर में कार्यकर्ताओं से संवाद करेंगे. 20 दिसंबर को प्रतापगढ़ के धरियावद विधानसभा क्षेत्र में लसाड़िया में जन आक्रोश सभा को संबोधित और 21 दिसंबर को बांसवाड़ा के कुशलगढ़ में दोपहर 12 बजे और बांसवाड़ा जिला मुख्यालय पर 03 बजे जन आक्रोश सभाओं को संबोधित करेंगे. इस तरीके से लगातार कार्यक्रम हो रहे है.
हाड़ौती से यात्रा का हुआ था प्रवेश
राजस्थान में राहुल गाँधी की भारत जोड़ो यात्रा का प्रवेश हाड़ौती से हुआ था. झालावाड़, कोटा, बूंदी जिलों में भारत जोड़ो यात्रा में बड़ी संख्या में लोग देखे भी गए. राहुल की यात्रा अब राजस्थान से जाने वाली है. नजाकत को भांपते हुए भाजपा हाड़ौती में डट गई है. ये क्षेत्र दोनों दलों के लिए इस बार ज्यादा महत्वपूर्ण है. जहां एक तरफ कांग्रेस पूरी मेहनत कर रही है वहीं दूसरी तरफ भाजपा भी मैदान में उतार गई है.
हाड़ौती में कितनी हैं विधानसभा की सीटें
हाड़ौती के कोटा, बूंदी, बारां और झालावाड़ जिले में कुल 17 विधान सभा की सीटें हैं. जिसमें से पिछली बार कांग्रेस ने इन सभी जिलों में सफल रही लेकिन झालवाड़ में एक भी सीट नहीं जीत पाई. हाड़ौती को कई वर्षों से भाजपा का गढ़ माना जाता है. फिर भी इस बार भाजपा और कांग्रेस दोनों के लिए नाक का सवाल बन गया है. इसलिए राहुल की यात्रा जाने के बाद अब भाजपा डटी है. लेकिन वहीं वर्ष 2013 में कांग्रेस को बहुत नुकसान हुआ था.
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