Rajasthan Politics: राजस्थान के झुंझनू की उदयपुरवाटी विधानसभा सीट से विधायक राजेंद्र गुढ़ा के बयान ने प्रदेश की सियासी हलचल तेज कर दी है. हालांकि इसके बाद उन्हें मंत्री पद से हाथ धोना पड़ा. वहीं अब इसको लेकर नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं. जहां बीजेपी इस मामले को लेकर गहलोत सरकार को घेर रही है, वहीं कांग्रेस नेता सीएम गहलोत के इस कदम को सही ठहरा रहे हैं. 


राजेंद्र गुढ़ा को मंत्री पद से बर्खास्त करने को लेकर राजस्थान कांग्रेस सह प्रभारी अमृता धवन ने कहा, "गुढ़ा जी को तो पहले ही बाहर कर देना चाहिए था लेकिन सरकार और पार्टा ने बहुत समय तक संयम रखा. उनको बहुत सारे मौके दिए गए. अगर वो (राजेंद्र सिंह गुढ़ा) कांग्रेस में रहकर भाजपा की भाषा बोलेंगे तो ये नहीं चलेगा."


'गुढ़ा को सोच समझकर बोलना चाहिए'
वहीं इस मामले पर गहलोत सरकार में चिकित्सा मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा, "मंत्रिमंडल का कोई सदस्य बोलता है तो सरकार बोलती है. उनको(राजेंद्र सिंह गुढ़ा) सोच-समझकर बोलना चाहिए. वो सरकार के अंग थे, उनको अपनी बात रखने से पहले मुख्यमंत्री और अधिकारी से बात करनी चाहिए और फिर बोलना चाहिए नहीं तो ऐसे मंत्री को रहना ही नहीं चाहिए. मुख्यमंत्री ने जो फैसला लिया है वो सही फैसला है. किस व्यक्ति को मंत्रिमंडल में रखना है और किसे नहीं, ये उनका अधिकार है."


'मुझे परवाह नहीं'
वहीं दूसरी तरफ मंत्री पद से विधायक राजेंद्र गुढ़ा अपने बयान पर कायम हैं. उनका कहना है, "अगर सच बोलना गुनाह है तो वे ये गुनाह करते रहेंगे. सभी जानत हैं कि राजस्थान में महिलाओं के प्रति अपराध बढ़े हैं. महिला अपराध में राजस्थान पहले नंबर पर है. जो सच था मैंने वही कहा है, जिससे मुख्यमंत्री नाराज हो गए, लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं है, मैं सच बोलता रहूंगा."


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