Congress Politics News Rajasthan: राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीएम अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद उन्होंने कहा था कि कांग्रेस (Congress) में सबकुछ ठीक है, लेकिन हकीकत यह है कि वहां पर गहलोत और पायलट के बीच शीतयुद्ध और तेज हो गया है.


दो दिन पहले कांग्रेस के प्रांतीय अधिवेशन में मंच पर मौजूद होते हुए सचिन पायलट को बोलने नहीं दिया गया तो प्रदेश के नवनियुक्त प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) के सामने सचिन के समर्थकों ने सीएम बदले जाने की मांग रख दी. कहा जा रहा है कि इस बात को लेकर दोनों गुट के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई. 


दरअसल, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने एक दिन पहले कांग्रेसियों ने मंत्रियों व अफसरों की कार्यशैली को लेकर गुस्सा निकाला. दूसरी तरफ सचिन पायलट कैंप के लोगों ने राज्य में विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए चेहरा बदले जाने की मांग उठाई. गहलोत कैंप के लोगों का कहना था कि प्रदेश में गहलोत सरकार ने काफी अच्छे काम किए हैं. अगर चुनाव से पहले उन्हें बदला जाता है तो इससे पार्टी को अगले चुनाव में नुकसान हो सकता है. चौंकाने वाली बात यह है कि राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा के सामने पायलट और गहलोत समर्थक गुट के नेता भिड़ गए. दोनों पक्षों ने प्रदेश प्रभारी के सामने जमकर हंगामा भी किया. इससे साफ है कि प्रदेश कांग्रेस में कुछ भी ठीक नहीं है. 


राहुल के सुझावों की नहीं है किसी को परवाह
प्रदेश कांग्रेस के दो शीर्ष नेताओं के बीच जारी इस सिर फुटौव्वल ने कांग्रेसी एका की कलई खोलकर रख दी है. यहां पर इस बात जिक्र करना भी जरूरी है कि अलवर सर्किट हाउस में पार्टी नेताओं से मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने सबसे ज्यादा जोर कांग्रेसी नेताओं की एकता पर दिया था. इस बात का असर दिखता, उससे पहले ही दोनों गुट के बीच आमने-सामने आने की घटनां सुर्खियों में है. 


इज्जत बचाने के लिए गुटबाजी करनी होगी खत्म
आम कार्यकांग्रेस के पदाधिकारी और पूर्व विधायक भी पार्टी एवं सरकार में गुटबाजी से काफी दुखी हैं. पार्टी के नेताओं का कहना है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच आपसी खींचतान और गुटबाजी में आम कार्यकर्ता पिस रहा है. राजस्थान कांग्रेस में संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं हो पा रही हैं. यदि कांग्रेस को अगले विधानसभा चुनाव में अपनी इज्जत बचानी है तो गुटबाजी खत्म करनी होगी. इतना ही नहीं, कार्यकर्ताओं को तवज्जो मिलनी चाहिए.


प्रदेश प्रभारी रंधावा की है ये चिंता 
बता दें कि राजस्थान कांग्रेस के नवनियुक्त प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा इन दिनों कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशियों, पूर्व विधायकों और पार्टी पदाधिकारियों से अलग-अलग फीडबैक ले रहे हैं. रंधावा जानना चाहते हैं कि 2023 के विधानसभा और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर ऐसी क्या रणनीति अपनाई जाए, जिससे राजस्थान में कांग्रेस की सत्ता में वापसी कर सके. उन्होंने इस मसले पर गहलोत के मंत्रियों से भी चर्चा की है, लेकिन हंगामों की घटना से पार्टी में बनती बात फिर से बिगड़ने लगी हैं.


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