Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान में सचिन पायलट (Sachin Pilot) और अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) के खेमों में बंटी कांग्रेस की हालत खस्ता होती जा रही है. हालात ये हैं कि कार्यकर्ता और पार्टी नेता इतने मायूस हो चुके हैं कि वे अब चुनाव लड़ने के लिए पार्टी की टिकट के लिए भी रुचि नहीं ले रहे हैं.


राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) ने प्रदेश प्रभारी का पद ग्रहण करने के बाद जयपुर में कांग्रेस के हारे हुए प्रत्याशियों को बैठक बुलाई थी, लेकिन प्रदेश प्रभारी रंधावा के बुलाने के बाद भी लोकसभा चुनाव में हारे हुए प्रत्याशी बैठक में नहीं पहुंचे हैं.


बताया जाता है कि पहली बार की बैठक में आधे से भी कम हारे हुए प्रत्याशी पहुंचे और दूसरी बार की बैठक में मात्र 3 ही कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी बैठक में पहुंचे. 


 कांग्रेस से कोई नहीं लड़ना चाहता चुनाव !


नाम नहीं बताने की शर्त पर एक पूर्व लोकसभा प्रत्याशी ने बताया है कि प्रदेश प्रभारी की ओर से दो बार बुलाने पर भी हारे हुए प्रत्याशी नहीं पहुंचे, जिससे प्रदेश प्रभारी रंधावा बहुत नाराज भी हुए.सूत्रों ने बताया कि इससे ऐसा लगता है कि अब लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकिट पर कोई चुनाव भी लड़ना नहीं चाहता है. दरअसल, लोकसभा चुनाव 2014 और 2019 में राजस्थान में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलने से प्रत्याशियों में अब भी मोदी मैजिक डर दिख रहा है.


यही कारण है कि प्रभारी के बुलाने पर भी लोकसभा प्रत्याशी बैठक में नहीं पहुंच रहे है. गौरतलब है कि राजस्थान की 25 लोकसभा सीटों पर हुए चुनाव में दो बार कांग्रेस पार्टी का खाता भी नहीं खुला और 25 की 25 सभी सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को हार का सामना करना पड़ा था. 



कार्यकर्ताओं में अपनी सरकार से है भारी निराशा


राजस्थान विधानसभा का चुनाव इसी वर्ष 2023 में होना है. इसके बाद अगले वर्ष यानी 2024 में लोकसभा का चुनाव होना.ऐसे वक्त में भी राजस्थान में कांग्रेस कार्यकर्ता अपनी सरकार से  मायूस है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि सरकार में बैठे मंत्री और विधायक कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते हैं. राजनीतिक नियुक्तियों को लेकर भी कार्यकर्ताओं में रोष देखने को मिल रहा है.


कार्यकर्ताओं का कहना है कि विधायकों को खुश करने के लिए उनके चहेते लोगों को नियुक्ति दे दी गई है, जब से मानेसर कांड हुआ है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों को लूटने की छूट दे दी है. कांग्रेस सेवादल के राष्ट्रीय प्रशिक्षक एवं जिला उपाध्यक्ष चुन्नी कप्तान कहते हैं कि पूरी जिंदगी मैंने कांग्रेस पार्टी की सेवा की, लेकिन मैंने कभी कार्यकर्ताओं की ऐसी उपेक्षा नहीं देखी. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री की ओर से विधायकों को मिली खुली छूट से कार्यकर्ता की कोई सुनवाई नहीं हो रही है.


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