Rajasthan Politics: 'ऑटो मोड में उड़ रहा सचिन पायलट का प्लेन', राजस्थान कांग्रेस में घमासान पर BJP का तंज
Rajasthan Congress Crisis: भरतपुर में केंद्रीय गृह मंत्री (Amit Shah) के दौरे की तैयारियों का जायजा लेने पहुंचे बीजेपी नेताओं ने सचिन पायलट और अशोक गहलोत की नूरा कुश्ती पर तंज कसा.
Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान के भरतपुर जिले में कल 15 अप्रैल को केंद्रीय मंत्री अमित शाह आ रहे हैं. प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजन लाल शर्मा और सांसद रंजीता कोली ने केंद्रीय गृह मंत्री के कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया. मीडिया से बात करते हुए बीजेपी नेताओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सचिन पायलट आज वसुंधरा सरकार के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार की बात कर रहे हैं, डेढ़ साल पहले उपमुख्यमंत्री रहते उन्होंने विधानसभा में मुद्दा क्यों नहीं उठाया.
नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि कई महीनों से सचिन पायलट का प्लेन ऑटो मोड में उड़ रहा है. एक कुर्सी पाना चाहता है तो दूसरा कुर्सी छोड़ना नहीं चाहता. बता दें कि अमित शाह भरतपुर संभाग के लगभग 4 हजार 7 सौ बूथ कार्यकर्ताओं की बैठक कर चुनाव में जीत का मंत्र देंगे.
'एक कुर्सी पाना चाहता है और एक छोड़ना नहीं चाहता'
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने बताया कि कल भरतपुर संभाग के बूथ कार्यकर्ताओं का सम्मेलन होगा. सम्मेलन में बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री के दौरे से कार्यकर्ताओं में काफी उत्साह है. अमित शाह ने भारत माता के माथे पर 370 का कलंक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हटाने का काम किया है. उनको सुनने के लिए कार्यकर्ता आयेंगे. सचिन पायलट और अशोक गहलोत की नूरा कुश्ती पर सीपी जोशी ने तंज कसा. उन्होंने कहा कि एक कुर्सी पाना चाहता है और एक छोड़ना नहीं चाहता.
गहलोत और पायलट में नूरा कुश्ती पर बीजेपी का तंज
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि बूथ कार्यकर्ताओं से चर्चा करने केंद्रीय मंत्री अमित शाह आ रहे हैं. सचिन पायलट का प्लेन पिछले कई महीनों से ऑटो मोड में उड़ रहा है. प्लेन कहां क्रैश होगा इसके बारे में पायलट ही बता सकते हैं. वसुंधरा राजे के कार्यकाल में कथित भ्रष्टाचार का मुद्दा उपमुख्यमंत्री रहते नहीं उठाया. दर्जनों कैबिनेट की बैठक में शिरकत के बावजूद भ्रष्टाचार पर बात नहीं की. पूर्ववर्ती सरकार के कामों की समीक्षा में पायलट को कुछ नहीं मिला. अब चुनाव से 7 महीने पहले चाय के प्याले में तूफान खड़ा करना चाहते हैं. अगर वसुंधरा राजे के खिलाफ कोई प्रमाण होते तो चुप क्यों रहे, विधानसभा में क्यों नहीं उठाया. सचिन पायलट का सीधा निशाना सिर्फ अशोक गहलोत पर है. गहलोत ने पायलट को नकारा और निकम्मा कहा था.