Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में राजनीतिक तूफान थमने का नाम नहीं ले रहा है. इस सियासी घमासान के बीच नेताओं की बयानबाजी भी लगातार जारी है. इस बीच सरकार के मुख्य सचेतक महेश जोशी का बयान सामने आया है. दरअसल, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के वफादार विधायकों द्वारा अलग से बैठक किए जाने को 'अनुशासनहीनता' करार दिए जाने के कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी अजय माकन के बयान पर पलटवार करते हुए डॉ महेश जोशी ने मंगलवार को कहा कि हम पार्टी के निष्ठावान लोग हैं और अगर हम वफादार नहीं होते तो राज्य की कांग्रेस सरकार कब की गिर गई होती.
'आलाकमान के प्रति है वफादार'
इसके साथ ही जयपुर की हवामहल विधानसभा सीट से विधायक महेश जोशी ने कहा कि वफादारी तो उन लोगों को साबित करनी होती है जिन पर सवाल उठाए जा रहे हैं. जोशी ने यहां संवाददाताओं से कहा, 'हम लोगों की वफादारी पर कोई अगर शक खड़ा करेगा तो हम उस वफादारी को हर हाल में सिद्ध करेंगे. हमने आलाकमान के प्रति वफादारी में कोई कमी नहीं रखी.'
'वफादर नहीं होते तो सरकार कब की गिर जाती'
उन्होंने कहा,' अगर हमारी वफादारी नहीं होती तो राजस्थान में कांग्रेस की सरकार कब की गिर गई होती. हम पार्टी के निष्ठावान लोग हैं.' परोक्ष रूप से सचिन पायलट खेमे पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'हम अपनी वफादारी सिद्ध कर चुके हैं, सिद्ध तो उनको करना है जिन पर सवाल उठाए जा रहे हैं.' बता दें कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक कराने यहां आए कांग्रेस महासचिव व प्रदेश प्रभारी माकन ने सोमवार को कहा था कि (गहलोत के वफादार विधायकों द्वारा) विधायक दल की आधिकारिक बैठक में न आकर उसके समानांतर बैठक करना अनुशासनहीनता है.
गौरतलब है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री के निवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार विधायक इसमें नहीं आए. इन विधायकों ने संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी से मिलने गए और अपने इस्तीफे उन्हें सौंपे. इन विधायकों की ओर से धारीवाल, जोशी व प्रताप सिंह खाचरियावास जाकर अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे से मिले.
प्रस्ताव के लिए रखी तीन शर्तें
अजय माकन ने कहा कि इन लोगों ने विधायक दल में लिए जाने वाले प्रस्ताव के लिए तीन शर्तें रखी. इस पर महेश जोशी ने कहा, 'हमने कभी नहीं कहा कि हमारी ये तीन बातें प्रस्ताव का हिस्सा बनें. हमने ये कहा कि हमारी ये तीनों बातें आप आलाकमान तक पहुंचा दीजिए उसके बाद आलाकमान जो फैसला करेगा उसके अनुसार हम एक लाइन का प्रस्ताव पारित करेंगे.' जोशी ने कहा,' या तो हम अपनी बात (प्रभारी व पर्यवेक्षक) अजय माकन को समझा नहीं पाए या अजय माकन हमारी बात को समझ नहीं पाए. मैं नहीं जानता कि यह असंमजस कैसे हुआ.'
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