पहले कटुता, अब एकजुटता: राहुल गांधी की यात्रा के लिए गहलोत-पायलट की सामने आई मुस्कुराती तस्वीर
Rajasthan Politics: बंद कमरे में हुई वेणुगोपाल के साथ गहलोत और पायलट की मुलाकात. पार्टी महासचिव ने कांग्रेस आलाकमान के संदेश को दोनों नेताओं तक पहुंचाया. करीब आधे घंटे तक कमरे में तीनों ही रहे.
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Gehlot-Pilot Together: जयपुर के सियासी मौसम में आज फिर गर्माहट है. तीन बजे अस्पताल रोड पर बने कांग्रेस वार रूम में 'भारत जोड़ो यात्रा' समन्यवक समिति की बैठक के बाद माहौल फिट दिख रहा है. फोटो और माहौल देखने के बाद लगता है कि केसी वेणुगोपाल ने गहलोत और पायलट में 'ऑल इस वेल' कर दिया है. फिर से एक बार 2018 वाली तस्वीर दिखी है. इस बैठक में समिति के 43 सदस्यों को आमंत्रित थे. अजय माकन पिछली बैठक में भी नहीं आये थे और इस बैठक में उनकी जगह केसी वेणुगोपाल ने सब कुछ ठीक करने का प्रयास किया है.
दोहरी जिम्मेदारी में हैं केसी
केसी वेणुगोपाल के कंधे पर दोहरी जिम्मेदारी है. पहली की पायलट और गहलोत की लड़ाई में 'शांति' लाना और भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने पर काम करना. सबकी निगाहें केसी के हर कदम पर थीं. वेणुगोपाल राजस्थान से ही कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य हैं. और यहां के विधायकों से उनकी जान-पहचान भी है. ऐसे में उनका हर फैसला बेहद अहम माना जा रहा है. जहां एक तरफ दोनों तरफ से राहुल की यात्रा से पहले मामले को साफ़ करने की मांग हो रही है वहीँ अब केवल यात्रा के बैठक को सफल बनाने का प्रयास भी सफल दिख रहा है.
सब कुछ बदला-बदला सा दिख रहा है
पिछले दिनों 23 नवंबर को एक बार फिर गहलोत और पायलट में कड़वाहट दिखी थी, जिसमें न तो पायलट ने गहलोत से कुछ कहा और न ही गहलोत ने पायलट को कुछ कहा. विधायक हरीश चौधरी के बगल में पायलट बैठ रहे और बाद में बाहर निकल गए थे. इस दौरान पायलट ने वहां पर मौजूद नेताओं से बात भी किया था. बैठक से बाहर निकले के बाद मीडिया से सचिन ने बातचीत के मध्य प्रदेश निकल गए थे. उसके बाद अशोक गहलोत का इंटरव्यू तूफ़ान मचा दिया है, लेकिन आज सब ठीक दिख रहा है.
राहुल के बयान का पड़ा असर
इंदौर में राहुल गांधी ने पायलट और अशोक गहलोत को लेकर बयान दिया है कि उनके लिए पायलट और गहलोत सम्पत्ति हैं. तो क्या इस बैठक में उस बयान का असर दिखेगा. जबकि पायलट ने कहा था कि सभी के सहयोग से 2018 में कांग्रेस की सरकार बनी थी और राजस्थान में राहुल गांधी की यात्रा का शानदार स्वागत किया जाएगा. इसकी पूरी तैयारी भी है, लेकिन अब इस बैठक में क्या होगा ? क्या फिर वही बातें दिखेंगी या कुछ बदलाव भी होगा। राहुल की यह यात्रा झालावाड़, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, दौसा, अलवर जिले से होकर जायेगी और इस दौरान कुल 521 किलोमीटर का सफर तय है. पूरे 17 दिनों तक राजस्थान में यह यात्रा रहेगी.
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