Rajasthan Congress Crisis: राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023 से पहले कांग्रेस को एक बार फिर अंतर्कलह का सामना करना पड़ रहा है. इस बार लड़ाई मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के दो मंत्रियों के बीच है. खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास और यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल के बीच जुबानी हमलों को देख कांग्रेस नेतृत्व नाराज है. राजस्थान कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने भी अब नाराजगी जताते हुए सीएम गहलोत से कहा है कि अपने मंत्रियों पर नियंत्रण पाएं. क्योंकि उन्हें कंट्रोल करना चीफ मिनिस्टर का काम है. कांग्रेस के मंत्री एक दूसरे के खिलाफ ही बयानबाजी कर रहे हैं जो कि ठीक नहीं है. 


गौरतलब है कि हाल ही में राजस्थान सरकरा में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने जयपुर के विकास को लेकर एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने अपनी ही सकार के मंत्रियों और पार्टी विधायकों पर इल्जाम लगाते हुए कहा था कि उनकी वजह से जयपुर का विकास नहीं हो पाया. शांति धारीवाल का कहना था कि मंत्रियों औऱ विधायकों में जारी अनबन के चलते विकास कार्यों पर ध्यान नहीं दिया गया. मंत्री के इस बयान पर खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास नाराज हो गए और उन्होंने पलटवार करते हुए शांति धारीवाल पर कई आरोप लगाए.


मंत्री खाचरियावास का बयान- 'शांति धारीवाल को शर्म आनी चाहिए'
खाद्य मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि शांति धारीवाल ने कांग्रेस विरोधी बयान दिया है. उन्हें इसके लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने दावा किया कि शांति धारीवाल को अनुशासनहीनता के लिए पहले से पार्टी की ओर से नोटिस मिला हुआ है. इसके बावजूद वह ऐसी बातें करते हैं. वहीं, खाचरियावास ने शांति धारीवाल को बीजेपी का कार्यकर्ता करार दे दिया और आरोप लगाया कि वह कांग्रेस को हराना चाहते हैं.  


'झूठे बयान देना शांति धारीवाल की आदत'
प्रताप सिंह खाचरियावास ने यह आरोप भी लगाया कि शांति धारीवाल को झूठ बोलने की आदत है. उनका यह कहना कि जयपुर विकास में बहुत पीछे है, यह भी झूठा बयान है. 


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