Haath Se Haath Jodo Abhiyan: राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा (Rahul Gandhi Bharat Jodo Yatra) के बाद कांग्रेस (Congress) ने नया अभियान शुरू किया है. 'हाथ से हाथ जोड़ो' के जरिए पार्टी घर-घर लोगों से संपर्क साधने का प्रयास कर रही है. 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के मौके पर भरतपुर में हाथ से हाथ जोड़ो अभियान का शुभारंभ किया गया. कांग्रेस कार्यकर्ता अभियान के दौरान लोगों से संपर्क साधकर घर-घर राहुल गांधी का संदेश पहुंचाएंगे. अभियान के दौरान केंद्र की बीजेपी सरकार की जन विरोधी नीतियों को भी उजागर किया जाएगा. हाथ से हाथ जोड़ो अभियान के जिला प्रभारी अजीत यादव ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हाथ जोड़ने से दिल जोड़ने का माहौल बनता है.


कांग्रेस कार्यकर्ता घर-घर पहुंचाएंगे राहुल गांधी का संदेश


घर-घर जाकर संपर्क साधने के दौरान लोगों की परेशानियां सामने आएंगी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का अनुभव घर-घर पहुंचाना है. राहुल गांधी के पत्र को गांव-गांव, ढाणी-ढाणी कार्यकर्ता पहुंचाएंगे. उन्होंने कार्यकर्ताओं को एकजुट होने का संदेश दिया और कहा कि बड़े नेताओं की अंदरुनी लड़ाई को नहीं देखना है. केंद्र सरकार की तरफ से बढ़ाई गई महंगाई और बेरोजगारी के मुद्दे को और राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से जनता को रूबरू कराना है. जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्ति के बिना हाथ से हाथ जोड़ो अभियान की सफलता पर प्रभारी से सवाल पूछा गया. उन्होंने कहा कि अभी कुछ कोर्डिनेटर लगा दिए हैं और दो दिन बाद राजस्थान प्रदेश प्रभारी रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) को मीटिंग में बताऊंगा. कांग्रेस पार्टी सत्ता में होते हुए भी चार वर्षों के दौरान संगठन खड़ा नहीं कर पाई है. आज से राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) के आव्हान पर हाथ से हाथ जोड़ो अभियान शुरू किया गया है.  




संगठन की मजबूती के बिना कैसे होगा अभियान पूरा?


गौरतलब है कि राजस्थान के कई जिलों को ढाई साल से अध्यक्ष का इंतजार है. जिला कांग्रेस की कार्यकारिणी भंग चल रही है. प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasra) ने अभी हाल में कुछ ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्ति की है लेकिन राजस्थान में लगभग 100 ब्लॉक अध्यक्ष के पद अभी भी खाली पड़े हैं. कार्यकर्ताओं का कहना है कि जिले से चार विधायक मंत्री हैं और अन्य विधायक भी कांग्रेस पार्टी के ही हैं लेकिन कार्यकर्ताओं की कोई नहीं सुनता. अब देखने वाली बात होगी कि कांग्रेस का हाथ से हाथ जोड़ने अभियान कैसे सफल होगा.  


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