Rajasthan Election Results 2023: राजस्थान के परिणामों में बीजेपी की आंधी आ गई. राजस्थान में बीजेपी को बारी बहुमत मिला है. साथ ही कांग्रेस को इस बार हार का समाना करना पड़ा और राजस्थान की सत्ता छोड़कर विपक्ष की भूमिका में आना पड़ा. ऐसे में कांग्रेस भले ही सरकार नहीं पाई, लेकिन अशोक गहलोत से लेकर सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा और शांति धारीवाल विधायक बनने में सफल रहे हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि, कांग्रेस राजस्थान की विधानसभा में किसे नेता प्रतिपक्ष बनाती है.
दरअसल, विधानसभा चुनाव हारने के बाद सीएम अशोक गहलोत ने अपना इस्तीफा राज्यपाल कलराज मिश्र को रविवार को सौंप दिया. साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मंगलवार को विधायक दल की बैठक बुलाई थी.वहीं इस बैठक में नेता प्रतिपक्ष चुनने की जिम्मेदारी दिल्ली आलाकमान पर सौंप दी गई है. ऐसे में आईए जानते हैं कि, विधानसभा में कांग्रेस का सेनापति बनने की रेस में कौन-कौन शामिल है.
क्या गहलोत संभालेंगे पदभार
अगर 2013 की बात करें तो उस समय जब कांग्रेस को विपक्ष में बैठना पड़ा तो रामेश्वर लाल डूडी ने नेता प्रतिपक्ष की भूमिका अदा की. इसके बाद 2018 में कांग्रेस की सत्ता में वापसी हुई सारी बागडोर गहलोत ने अपने हाथों में ले ली, लेकिन अब इस बार के चुनाव में पार्टी को हार का मूंह देखना पड़ा है, तो क्या गहलोत नेता प्रतिपक्ष का पद संभालेंगे. वहीं यह भी कयास लगाया जा रहा कि, अशोक गहलोत राज्य के बजाय खुद को राष्ट्रीय राजनीति में सक्रिय कर सकते हैं.
पायलट को लेकर चर्चा
वहीं अगर सचिन पायलट की बात करें तो, उन्हें सीएलपी लीडर बनाए जाने की चर्चा जोरों पर चल रही है. वहीं जिस तरह से पायलट नेकांग्रेस की हार पर पूर्व सीएम गहलोत के ओएसडी की टिप्पणी पर मंथन करने की बात कही है, उससे साफ है कि अब गहलोत से अपना हिसाब बराबर करना चाहते हैं. ऐसे में जानकारों का कहना है कि, कांग्रेस की हार में गहलोत और पायलट के बीच सियासी टकराव भी एक बड़ी वजह हो सकती है. ऐसे में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी पर पायलट की जगह किसी और को बिठाया जा सकता है.
क्या डोटासरा बनेंगे नेता प्रतिपक्ष?
वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा एक बार फिर से विधायक बनने में सफल रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस विधायक दल का नेता गोविंद सिंह डोटासरा को चुना जा सकता है, क्योंकि वह अशोक गहलोत के भरोसेमंद माने जाते हैं तो पायलट के साथ भी उनके रिश्ते अच्छे हैं. यही वजह है कि डोटासरा के बनने की संभावना दिख रही है.
शांति धारिवाल का नाम आता है
डोटासरा के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री शांति धारिवाल का नाम आता है, जो गहलोत के राइट हैंड माने जाते हैं. विधानसभा में लंबा सियासी अनुभव है, लेकिन जिस तरह से उन्होंने सितंबर 2022 में नेतृत्व परिवर्तन के समय बागी रुख अपनाया था, उसके चलते ही बामुश्किल से टिकट मिला है. ऐसे में भले जीतकर एक बार फिर से विधायक बनने में कामयाब रहे हों, लेकिन विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी मिलना मुश्किल है.