बूंदी: राजस्थान (Rajasthan) में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) के बीच चल रहे हैं राजनीतिक टकराव के बीच गहलोत के खास मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास (Pratap Singh Khachariawas) से सचिन पायलट ने सोमवार को मुलाकात की थी.यह मुलाकात करीब डेढ़ घंटे तक चली.इसके बाद से राजस्थान कांग्रेस की सियासी हालात के बीच इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं. मुलाकात में क्या रहा है अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.खबर यह भी है कि पायलट से मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री ने खाचरियावास को तलब किया. मुख्यमंत्री से सीएमओ में प्रताप सिंह खाचरियावास की मुलाकात हुई. 


क्या बोले प्रताप सिंह खाचरियावास


प्रताप सिंह खाचरियावास ने मीडिया से कहा कि विधानसभा में सचिन पायलट और वो एक ही टेबल पर बैठते हैं और जनहित के मुद्दे उठाते हैं. हम दोनों के बीच क्या बात हुई वह मैं बता नहीं सकता. स्वाभाविक सी बात है कि वह मेरे घर आए हैं तो कोई भजन कीर्तन तो नहीं हुआ होगा,सारी बाते हुई हैं. सचिन पायलट से मिलने के बाद मैं सीएम गहलोत से भी मिला. 


दो हफ्ते पहले राजस्थान का सियासी पारा चढ़ा हुआ था.सोमवार को प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास से मिलने के बाद सचिन पायलट सीधे अपने आवास के लिए निकल गए.दोनों नेताओं में करीब दो साल बाद मुलाकात हुई है.सचिन पायलट के लिए यह कहा जा रहा था कि विधायक पायलट गुट से दूरी बना रहे हैं. इस बीच सचिन पायलट ने विधायकों से दूरी मिटाने के प्रयास शुरू कर दिए हैं.लगातार सख्त बयानबाजी करने वाले नेताओं से पायलट मिलने के लिए पहुंच रहे हैं.इसी गुटबाजी की मिथ्या खबर को गलत साबित करने के लिए सचिन पायलट कल रात गहलोत गुट के खास माने जाने वाले प्रताप सिंह खाचरियावास से मिलने पहुंचे. 


गहलोत कैंप के सबसे खास मंत्री 


अशोक गहलोत कैंप का सबसे खास मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास को माना जाता है.पिछले दिनों राजस्थान में हुए सियासी घमासान में मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कमान संभाली रखी. उन्होंने मीडिया में जमकर पायलट गुट को आड़े हाथों लिया.उन्होंने सरकार बचाने वाले 102 विधायकों की पैरवी करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आलाकमान चाहे तो इन 102 विधायकों में से किसी को भी बना दें लेकिन उन विधायकों को हम कभी ही समर्थन नहीं देंगे जिन्होंने सरकार को गिराने के लिए पुरजोर कोशिश की थी.विरोध इतना था कि सीएलपी की बैठक का विधायकों ने बहिष्कार कर दिया था. खाचरियावास ने तो यहां तक कह दिया था कि हमें गहलोत के अलावा और कोई मंजूर नहीं हैं. वह हमारे अभिभावक हैं पायलट हमें मंजूर नहीं हैं.


सचिन पायलट क्या संदेश देना चाह रहे हैं


इन दिनों जारी सियासी उठापटक के बीच हुई इस मुलाकात के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.एक तरफ जहां गहलोत कैंप के मंत्री लगातार पायलट पर हमलावर हैं.वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट उन्हीं हमलावर नेताओं से मिलकर आलाकमान को यह संदेश देना चाहते हैं कि राजस्थान में किसी का गुट नहीं है और अगर कोई गुट है तो वह कांग्रेस का है.प्रतापसिंह खाचरियावास,शांति कुमार धारीवाल और मंत्री महेश जोशी को गहलोत कैंप का सबसे खास माना जाता है. कांग्रेस आलाकमान ने इन्हीं तीनों मंत्रियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. 


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