जयपुर: राजस्थान कांग्रेस के नेता सचिन पायलट ने कहा है कि चुनाव के समय हम एक-दूसरे की आलोचना करते हैं. उन्होंने कहा कि आलोचना मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए.उन्होंने कहा कि पिछले पांच दिनों में मैने जो भी बात कही है, वो सब किसनों और युवाओं के मुद्दे पर आधारित हैं. उन्होंने कहा कि यह किसी की व्यक्तिगत आलोचना नहीं थी. उन्होंने कहा कि किसी की व्यक्तिगत आलोचना करना और गलत भाषा का इस्तेमाल करना बहुत आसान हैं. 


अब क्या कहा है सचिन पायलट ने


सचिन पायलट और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच शब्द युद्ध पिछले काफी समय से जारी है.मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पिछले दिनों एक बैठक में कह दिया था कि महामारी के बाद उनकी पार्टी में एक बड़ा 'कोरोना' आ गया है.इसके जवाब में पायलट ने शुक्रवार को जयपुर में युवाओं के एक कार्यक्रम में कहा कि राजनीति में संयम रखना जरूरी है.सम्मान दोगे तो पाओगे.






सचिन पायलट ने 16 जनवरी से किसान सम्मेलन को संबोधित करना शुरू किया है. अब तक वो इस तरह के चार किसान सम्मेलनों को संबोधित कर चुके हैं. इन सम्मेलनों में वो किसानों की समस्याओं को लेकर केंद्र की बीजेपी की सरकार पर हमला बोल रहे हैं. वहीं युवाओं के मसले पर प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार पर ही निशाना साध रहे हैं. वो प्रतियोगी परिक्षाओं के पेपर लीक को मुद्दा बना रहे हैं. वो कह रहे हैं कि सरकार इस मामले में केवल छोटे-मोटे लोगों पर ही कार्रवाई कर रही है. उनका कहना है कि पेपर लीक के बड़े आरोपियों को बचाया जा रहा है. 


कांग्रेस का राजस्थान संकट


गहलोत और पायलट खेमे की इस लड़ाई ने कांग्रेस को ही असहज कर दिया है. कांग्रेस के इन दोनों गुटों की लड़ाई को राहुल गांधी भी नहीं सुलझा पाए हैं. जबकि कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा के दौरान उन्होंने अशोक गहलोत और सचिन पायलट से बंद कमरे में मुलाकात की थी. इसके बाद माना जा रहा था कि अब यह लड़ाई खत्म हो जाएगी. लेकिन एक बार फिर कांग्रेस की अंदरूनी लड़ाई सतह पर आ गई है.कांग्रेस की इस अंदरूनी लड़ाई को बीजेपी हथियार बना रही है. उसके नेता अब कह रहे हैं कि पेपर लीक के उसके आरोपी की तस्दीक अब तो कांग्रेस के ही बड़े नेता कर रहे हैं.  


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