Rajasthan Budget: राजस्थान बजट से पहले कांग्रेस की बैठक, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने विधायकों से की ये अपील
Rajasthan Budget 2024: राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कांग्रेस की बैठक में विधायकों से जनहित के मुद्दों और हाशिए पर पड़े लोगों की चिंताओं को विधानसभा में उठाने का आग्रह किया.
Rajasthan Budget 2024 News: राजस्थान में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने मंगलवार (9 जुलाई) को कांग्रेस विधायकों से विधानसभा सत्र में जनहित और हाशिए पर पड़े लोगों की चिंताओं से जुड़े मुद्दों को जोरदार तरीके से उठाने का आग्रह किया. राजस्थान की उपमुख्यमंत्री और वित्त मंत्री दीया कुमारी आज बुधवार (10 जुलाई) को विधानसभा में राज्य का बजट पेश करेंगी. विधानसभा के सत्र में बीजेपी सरकार को घेरने के लिए रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक में मंथन किया गया.
बैठक में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने दलित समुदाय के सदस्य को इतनी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपने के लिए पार्टी नेतृत्व का आभार व्यक्त किया और सभी विधायकों से सहयोग मांगा. बैठक के दौरान टीकाराम जूली ने विधायकों से जनहित के मुद्दों और हाशिए पर पड़े लोगों की चिंताओं को जोरदार तरीके से उठाने का आग्रह किया. उन्होंने बीजेपी सरकार को जवाबदेह बनाने के उद्देश्य से एक ‘छाया मंत्रिमंडल’ बनाने की योजनाओं के बारे में भी बात की.
प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता के अनुसार, बैठक को अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) के महासचिव सुखजिंदर सिंह रंधावा, सचिन पायलट, कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और पूर्व मंत्री हरीश चौधरी सहित पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने भी संबोधित किया. इस मौके पर कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नवनिर्वाचित सांसदों को भी प्रदेश कांग्रेस की ओर ने सम्मानित किया गया.
राजकुमार रोत-हनुमान बेनीवाल बैठक में नहीं पहुंचे
हालांकि, दो सांसद बीएपी के राजकुमार रोत और आरएलपी के हनुमान बेनीवाल अलग-अलग कारणों से बैठक में नहीं पहुंच सके. दूसरी ओर गोविंद सिंह डोटासरा ने बीजेपी सरकार की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि अधिकारियों द्वारा मंत्रियों की जासूसी कर रहे हैं. डोटासरा ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि यह अधिकारी फाइलों से जुड़ी सूचनाएं दिल्ली और मुख्य सचिव से साझा कर रहे हैं.
डोटासरा ने किरोड़ी मीणा के मंत्री पद से इस्तीफे पर भी चुटकी ली और उनके इस्तीफे की स्वीकृति की स्थिति पर सवाल उठाए. मीणा ने हाल में कहा था कि लोकसभा चुनाव में दौसा और कुछ अन्य लोकसभा सीटों पर बीजेपी को जीत नहीं दिला पाने के कारण उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, अब तक उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है.