Rajasthan Politics News: राजस्थान विधानसभा और लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद अब सभी राजनीतिक दल उपचुनाव को लेकर तैयारी में जुटे हुए हैं. इस बीच बयानबाजी का सियासी दंगल भी शुरू हो चुका है. हनुमानगढ़ जिले की संगरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया ने पूर्व सीएम अशोक गहलोत और पूर्व सीएम वसुंधरा राजे को लेकर बड़ा बयान दिया है.


कांग्रेस विधायक अभिमन्यु के बयान को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा चरम पर है. प्रदेश में नए चेहरे के तौर पर सचिन पायलट को मौका देने की बात करते हुए उन्होंने कहा कि अब वसुंधरा राजे और अशोक गहलोत का समय चला गया है. दोनों के चेहरों से जनता ऊब चुकी है. बता दें की कांग्रेस प्रदेश युवा अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया सचिन पायलट के काफी करीबी हैं. इन्हें पायलट गुट का विधायक माना जाता है.


'जनता अब नया चेहरा चाहती है'


अभिमन्यु पूनिया ने पूर्व की अशोक गहलोत सरकार में पेपर लीक के मुद्दे पर पूर्व सीएम अशोक गहलोत पर निशाना साधा था. प्रदेश कांग्रेस यूथ अध्यक्ष अभिमन्यु पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अशोक गहलोत तीन बार मुख्यमंत्री रह चुके हैं. उनका कार्यकाल उनके कार्य करने की नीति राजस्थान की जनता ने देख ली है. राजस्थान की जनता अब नया चेहरा चाहती है.


लगातार पांच साल एक सरकार का रहना और पांच साल रिपीट ना होना, कहीं ना कहीं कांग्रेस की यह परिस्थितियां हैं. अगर यह परिपाटी बंद करना है, तो नौजवान चेहरे को मौका देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर सचिन पायलट का नेतृत्व राजस्थान देख चुका है. लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अधिकांश सीटों पर प्रचार किया. 


विधायक अभिमन्यु पूनिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि अशोक गहलोत और वसुंधरा राजे का समय जा चुका है. आने वाला समय नए लोगों का है. जिस प्रकार से राजस्थान में सरकार बनी है. वसुंधरा राजे को दरकिनार किया गया है. आम जनता दोनों के चेहरों से ऊब चुकि थी. लोग राजस्थान के अंदर नया चेहरा चाहते थे.


'पूर्व सीएम को जनता दे चुकी है जवाब'


कांग्रेस विधायक अभिमन्यु पूनिया ने पूर्ववर्ती गहलोत सरकार के कार्यकाल में हुए पेपर लीक मुद्दे को लेकर बीजेपी ने लगातार निशाना साधा था. उन्होंने कहा था कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पेपर लीक मामले में सख्त कार्रवाई नहीं की, तो जनता ने उन्हें जवाब दे दिया. विधानसभा चुनाव में सबसे ज्यादा सीट मारवाड़ में कांग्रेस हारी और लोकसभा में भी मारवाड़ में कांग्रेस कमजोर रही.