जयपुर: राजस्थान कांग्रेस (Rajasthan Congress) में सियासी उठापटक और बगावत पार्ट 2 के बाद घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) और सचिन पायलट (Sachin Pilot) गुट के विधायक आमने-सामने हैं. कांग्रेस के 102 विधायकों ने पिछले महीने बगावत का बिगुल फूंक दिया. इसमें विधायक डॉक्टर महेश शर्मा (Dr Mahesh Sharma), शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) और धर्मेंद्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) पर अनुशासनहीनता का आरोप लगा. कांग्रेस आलाकमान ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. इसका उन्होंने जवाब भी दे दिया है. इस पर कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने तीखा हमला बोला है. हालांकि अब गहलोत और पायलट के बीच सुलह के संकेत मिल रहे हैं. दोनों ही गुट फिर सरकार बनाने और एक साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं.
दिवाली से पहले दिव्या मदेरणा ने फोड़ा बम
जोधपुर की ओसियाँ सीट से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा गहलोत गुट के मंत्रियों पर हमला बोलने का एक भी मौका नही छोड़ रही हैं. कांग्रेस के अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मलिकार्जुन खड़गे ने मीडिया में बयान दिया था, ''बकरीद-ईद पर बचेंगे तो मोहर्रम पर नाचंगे.'' इस बयान को हथियार बनाते हुए मदेरणा ने डॉक्टर महेश शर्मा, शांति धारीवाल, धर्मेंद्र राठौड़ की ओर से आलाकमान के नोटिस पर भेजे जवाब को लेकर हमला बोला हैं. दिव्या मदेरणा ट्वीटर पर अपनी ही सरकार के खिलाफ हमला बोलने में कोई कसर नहीं छोड़ रही हैं. दिव्या मदेरणा ने इशारे ही इशारों में एक बार फिर शांति धारीवाल और महेश जोशी पर निशाना साधा है.
विधायक दिव्या मदेरणा ने एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में उम्मीदवार मलिकार्जुन खड़गे के बयान को दोहराते हुए लिखा, ''बकरीद पर बचेंगे तो मोहर्रम पर नाचेगे. यह इनके झूठ /विद्रोह पर सटीक बैठता है.'' इस ट्वीट से सीधा सीधा सीएम गहलोत के करीबी महेश शर्मा पर हमला किया गया है. शर्मा विधानसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक हैं.
इससे पहले किए एक ट्वीट में उन्होंने लिखा, ''लेकिन फिर स्वयं क्यों नहीं गए मुख्यमंत्री निवास विधायक दल की मीटिंग में? खुद इस्तीफ़ा देने क्यों गए विधानसभा अध्यक्ष के निवास? वो स्वयं अगर मीटिंग में जाते तो अन्य विधायक भी प्रेरणा लेते उनसे आख़िरकार मुख्य सचेतक है पार्टी के?''
दिव्या मदेरणा ने ट्वीट कर कहा-नाफरमानी की सजा के कई तरीके होते हैं. यह तलवार चुनाव तक लटकी रहेगी, अगर अभी कुछ नहीं होता तो उसे माफी मत समझिए, चुनाव में टिकट काटकर भी संदेश दिया जा सकता है.क्योंकि आलाकमान के हजारों अंदाज होते हैं फरमान जारी करने के. बता दें कि दिव्या मदेरणा सीएम गहलोत समर्थक मंत्रियों को लगातार निशाने पर ले रही हैं.
गहलोत और मदेरणा परिवार की अदावत
अशोक गहलोत और मदेरणा परिवार में पुरानी अदावत रही है. दिव्या मदेरणा के दादा और दिग्गज जाट नेता परसराम मदेरणा 1998 में सीएम पद के प्रबल दावेदार थे, लेकिन सीएम कुर्सी मिली अशोक गहलोत को. कांग्रेस आलाकमान ने विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव कर दिया गया और परसराम मदेरणा सीएम बनने से चूक गए. भंवरी देवी अपहरण और हत्याकांड मामले के मुख्य आरोपी महिपाल मदेरणा की बेटी हैं दिव्या मदेरणा को इस बात की खीझ आज भी है. हालांकि, सीएम गहलोत ने कभी मदेरणा परिवार के लिए अपशब्दों का प्रयोग नहीं किया. दिव्या मदेरणा की मां लीला मदेरणा को कांग्रेस का टिकट दिया, लेकिन वह चुनाव हार गईं. दिव्या मदेरणा की मां फिलहाल जोधपुर की जिला प्रमुख हैं. जबकि दिव्या मदेरणा ओसियां विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक हैं. दिव्या मदेरणा स्पष्ट कह चुकी हैं कि वह गहलोत और पायलट गुट में शामिल नहीं हैं. वह कांग्रेस आलाकमान के गुट में हैं.