Rajasthan Congress Politics: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव में नामांकन से ठीक पहले राजस्थान में विधायक दल की बैठक का बहिष्कार करने और समानांतर बैठक करने के आरोप में पार्टी आलाकमान ने प्रदेश के तीन दिग्गज नेताओं को नोटिस भेजकर जवाब मांगा था. अनुशासनहीनता के आरोप में सरकारी मुख्य सचेतक और जलदाय मंत्री महेश जोशी, यूडीएच व संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल और राजस्थान टूरिज्म डवलपमेंट कॉरपोरेशन (RTDC) चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ को नोटिस भेजने के बाद से ही सूबे की सियासत गर्मा रही थी. विपक्षी दलों के अलावा सत्ता पक्ष के नेता भी अपनी ही पार्टी के नेताओं पर निशाना लगा रहे थे. चारों तरफ से अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठ रही थी, ताकि दूसरों को भी सबक मिले और फिर कोई ऐसी हिमाकत न करे.


कई दिन चले वाद-विवाद के बाद एक-एक करके इन तीनों नेताओं ने आलाकमान को नोटिस का जवाब भेज दिया है. अब सभी की निगाहें पार्टी आलाकमान के फैसले पर टिकी हैं. सभी को इस बात का इंतजार है कि क्या इन तीन नेताओं पर पार्टी की गाज गिरेगी, या सत्ता में प्रमुख पदों पर आसीन इन माननीयों की लाज बचेगी.


जोशी ने नोटिस में लगे आरोपों को नकारा
पार्टी ने गत 27 सितंबर को नोटिस जारी किए थे, लेकिन महेश जोशी नोटिस मिलने की बात नकारते रहे. इसके बाद उन्हें 6 अक्टूबर को ई-मेल पर नोटिस भेजकर 15 अक्टूबर तक जवाब देने का समय दिया गया था. उन्होंने समय पूरा होने से पहले ही पार्टी को नोटिस का जवाब भेज दिया है. सूत्रों के मुताबिक, जोशी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकार दिया है. उन्होंने जवाब में लिखा है कि उन्होंने किसी भी विधायक को फोन नहीं किया. सभी विधायक अपनी मर्जी से ही शांति धारीवाल के घर पहुंचे थे.


धारीवाल-राठौड़ ने दिया था यह जवाब
शांति धारीवाल और धर्मेंद्र राठौड़ भी नोटिस का जवाब दे चुके हैं. उन्होंने अपने जवाब में आलाकमान पर भरोसा जताया. जवाब में उनका कहना है कि विधायक दल की बैठक के समानांतर में हमने कोई बैठक नहीं की. विधायक सिर्फ चर्चा के लिए इकट्ठा हुए थे, क्योंकि विधायक दल की बैठक से पहले विधायकों में यह अविश्वास पनपा था कि उनकी इच्छा और रायशुमारी के बिना ही बड़ा बदलाव किया जा रहा है. विधायकों की पसंद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हैं और वो सर्वमान्य नेता हैं. इसी अविश्वास के चलते वो मुख्यमंत्री आवास में हुई बैठक में नहीं गए.


तीनों नेताओं पर लगे थे ये आरोप
कांग्रेस नेता महेश जोशी (Mahesh Joshi), शांति धारीवाल (Shanti Dhariwal) और धर्मेंद्र राठौड़ (Dharmendra Rathore) को 25 सितंबर 2022 को जयपुर में कांग्रेस पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) और प्रदेश प्रभारी अजय माकन (Ajay Maken) की ओर से बुलाई गई बैठक से अलग समानांतर बैठक करने और अनुशासनहीनता के आरोप में अलग-अलग नोटिस जारी किए थे. धारीवाल पर संसदीय कार्यमंत्री होने और स्टेटमेंट जारी करने के साथ ही अपने आवास पर विधायकों की समानांतर बैठक करने और पार्टी की बैठक में शामिल नहीं होने का दबाव बनाने के आरोप लगा था. महेश जोशी को सरकारी मुख्य सचेतक होने के बावजूद विधायक दल की बैठक में नहीं पहुंचने और पार्टी बैठक का बहिष्कार करने के आरोप में दोषी मानते हुए जवाब मांगा था. धर्मेंद्र राठौड़ पर आरटीडीसी चेयरमैन और पीसीसी सदस्य होने के बावजूद सारे लॉजिस्टिकल अरेंजमेंट करने और विधायकों की अन-ऑफिशियल मीटिंग की प्लानिंग करने के आरोप लगे थे.


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दिव्या मदेरणा ने की थी यह मांग
विधायक दिव्या मदेरणा (Divya Maderna) ने नोटिस दिए जाने के बाद एक ट्वीट कर शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौड़ पर निशाना साधते हुए इन तीनों नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की थी. उन्होंने लिखा था, "सख्त कार्रवाई हो ताकि यह नजीर पेश हो कि कोई किसी भी पद का व्यक्ति अनुशासनहीनता का हिस्सा बने तो उस पर कार्रवाई होगी. पूरे राजस्थान व भारत में यह संदेश जाएगा कोई इस तरीके की पार्टी विरोधी गतिविधियों का हिस्सा बन आलाकमान को ललकारे ,अनुशासनहीनता करेंगे तो उस पर गाज गिरेगी."


जवाब संतोषजनक लगा तो मिलेगी माफी
नोटिस देने के बाद कांग्रेस अनुशासन समिति सदस्य तारिक अनवर (Tariq Anwar) ने मीडिया से बातचीत में कहा था कि "हम लोग इस बात का इंतजार कर रहे हैं कि तीनों नेता नोटिस का क्या जवाब देते हैं. जवाब आने के बाद कमेटी की बैठक होगी. अगर लगेगा कि उनका जवाब संतोषजनक है तो फिर उन्हें माफ भी किया जा सकता है."


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