Rajasthan News: राजस्थान के ओसियां विधानसभा से कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरणा (Congress MLA Divya Maderna) हमेशा बेबाक बयान देती हैं. अब एक बार फिर से विधायक दिव्या मदेरणा सुर्खियों में हैं. इस बार दिव्या मदेरणा के निशाने पर ना तो सीएम गहलोत (Ashok Gehlot) हैं और ना ही कांग्रेस के मंत्री विधायक. इस बार निशाने पर हैं ओसियां से बीजेपी के पूर्व विधायक भैराराम सियोल क्योंकि उन्होंने प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए सीएम अशोक गहलोत को शिकायती पत्र लिखा है. पूर्व विधायक सियोल ने मौजूदा ओसियां विधायक पर पेयजल परियोजना को अटकाने का आरोप लगाया और कहा कि 114 गावों की योजना और अन्य पट्टिकाओं पर केंद्रीय मंत्री और सीएम का नाम तक नहीं है. 


क्या कहा विधायक मदेरणा ने
इसके जवाब में दिव्या मदेरणा ने ट्वीट करते हुए लिखा, मेरे पिता जब जल संसाधन मंत्री थे तब भेड़ हरलाया परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति उन्होंने करवाई थी. सरकार बदलने के बाद बीजेपी सरकार के विधायक ने बदले की भावना से इस परियोजना को वित्तीय स्वीकृति नहीं होने दिया और ठंडे बस्ते में डाल दिया जिसे अब मैंने शुरू करवाया है.


पूर्व विधायक ने CM को लिखा पत्र
पूर्व विधायक का कहना है कि, पेयजल परियोजनाओं के शिलान्यास कार्यक्रम में प्रोटोकाल का उल्लंघन किया गया है. केंद्र की ओर से प्रेषित योजना में जलशक्ति मंत्री का नाम तक नहीं है. स्थानीय सांसद और मुख्यमंत्री का नाम भी नहीं लिखा गया. सियोल ने सरकारी कार्यक्रम में बीजेपी प्रतिनिधियों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है. इसको लेकर उन्होंने सीएम गहलोत को पत्र लिखा है. बता दें, विधानसभा चुनाव 2018 में दिव्या मदेरणा ने भैराराम सियोल को हराया था.


दिव्या मदेरणा ने लिया श्रेय
मदेरणा ने कहा कि मेरे पिता जल संसाधन मंत्री थे तब भेड हरलाया परियोजना की प्रशासनिक स्वीकृति कराई गई थी लेकिन सरकार बदलने के बाद बीजेपी विधायक ने वित्तीय स्वीकृति नहीं होने दी और मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया. अब मैंने फिर काम शुरू कराया है. जो काम रोक रहे थे वही हमको बोल रहे हैं इसका मतलब 'उल्टा चोर कोतवाल को डांटे'. उनको अपने अंदर झांककर देखना चाहिए.


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