Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में इस वक्त मुख्यमंत्री कौन का सवाल एक बार फिर उठ गया है. कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए सीएम अशोक गहलोत द्वारा नामांकन के अटकलों के बीच यह फैसला होना था कि उनके बाज राज्य का नया सीएम कौन होगा. इसको लेकर विधायक दल की बैठक बुलाई गई.
दिल्ली से पर्यवेक्षक भेजे गए और फिर विधायकों ने इस्तीफे का एलान कर दिया. उनका कहना है कि सचिन पायलट को सीएम नहीं बनाया जाना चाहिए. विधायकों की यह भी शर्त है कि कांग्रेस के अध्यक्ष पद का चुनाव 19 अक्टूबर को खत्म होगा. उसे बाद ही राज्य के नए सीएम पर फैसला हो.
कई दिग्गजों को गहलोत ने पछाड़ा
एक ओर जहां सचिन पायलट के समर्थकों कहना है कि गहलोत को सीएम पद से इस्तीफा देना चाहिए और पायलट को मौका मिले तो वहीं गहलोत गुट के विधायक बगावत पर उतर आए हैं. दिल्ली से भेजे गए पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन दोनों ने कहा कि पार्टी में अनुशासन होना चाहिए.
इन सब राजनीतिक घटनाक्रमों के बीच आइए हम आपको बताते हैं कि गहलोत, कब पहली बार मुख्यमंत्री बने और कैसे उसके बाद वह 3 बार सीएम बने और किस्मत और उनकी जादूगरी ने साथ निभाया. अपने 15 साल के अलग-अलग कार्यकाल में उन्होंने मुख्यमंत्री बनने की आस लगाए बैठे कई दिग्गजों को पछाड़ा.
साल 1998 में पहली बार सीएम बने अशोक गहलोत
- कांग्रेस के दिग्गज नेता परसराम मदेरणा सीएम पद के दावेदार थे.
- ज्यादातर विधायक उनके पक्ष में थे.
- लेकिन सीएम तत्कालीन कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक गहलोत बने.
साल 2008 में सीपी जोशी में अगुवाई में लड़ा चुनाव लेकिन...
- प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया.
- कांग्रेस को बहुमत मिला, लेकिन सीपी जोशी खुद 1 वोट से चुनाव हार गए.
- इसके बाद दूसरे नंबर के दावेदार अशोक गहलोत सीएम बने.
साल 2018 में सचिन पायलट थे अगुवा और फिर...
- युवा चेहरे और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट के नेतृत्व में चुनाव लड़ा गया.
- कांग्रेस को राज्य में बहुमत मिला, एमपी और छत्तीसगढ़ में भी कांग्रेस को बहुमत मिला.
- एमपी और छत्तीसगढ़ में तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष सीएम बने.
- राजस्थान में प्रदेश अध्यक्ष का पत्ता कट गया और फिर से अशोक गहलोत सीएम बने.