Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में कांग्रेस एक बार फिर संकट से घिर गई है. कांग्रेस के अध्यक्ष पद के चुनाव में सीएम अशोक गहलोत के नामांकन के अटकलों के बीच राज्य में नया मुख्यमंत्री कौन होगा, इस पर चर्चा शुरू हो गई. इसी चर्चा के लिए रविवार को पार्टी ने विधायक दल की बैठक बुलाई.


इतना ही नहीं दिल्ली से अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के दो पर्यवेक्षक- मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन को जयपुर भेजा गया ताकि वह विधायकों की राय जान सकें. हालांकि विधायक दल की बैठक ही नहीं हुई और विधायकों ने पर्यवेक्षकों से मुलाकात करने से इनकार कर दिया. करीब 80 विधायकों ने इस्तीफे का एलान भी कर दिया.


दरअसल, विधायकों का कहना है कि कांग्रेस के विधायकों में से किसी को सीएम चुना जाए. विधायकों की बड़ी संख्या सचिन पायलट को बतौर मुख्यमंत्री नहीं चाहती. समझा जाता है कि अशोक गहलोत, कांग्रेस का अध्यक्ष बनने से पहले मुख्यमंत्री पद पर अपने किसी विश्वास पात्र को बिठाना चाहते हैं.  हालांकि अब तक के राजनीतिक घटनाक्रम में सचिन पायलट बिल्कुल चुप हैं. अभी तक उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 


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इन सब राजनीतिक बयानबाजियों और खींचतान के बीच आइए हम आपको बताते हैं कि राजस्थान में कौन सी जाति कितनी असरदार है और उनका समीकरण क्या है


- एससी – 18 %
- एसटी – 14 % (मीणा 7 %)
- मुस्लिम – 9 %


ओबीसी – 40 %
- गुर्जर – 5 %
- जाट – 10 %
- माली – 4 %


सवर्ण – 19 %
- ब्राह्मण - 7 %
- राजपूत – 6 %
- वैश्य 4 %
- अन्य – 2 %


वहीं विधानसभा में विधायकों की संख्या की बात करें तो  कांग्रेस – 108 , बीजेप – 71 ,निर्दलीय– 13 ,आरएलपी– 3 ,सीपीएम- 2 ,बीटीपी - 2 और  आरएलडी का 1 विधायक है. राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीट है. कुल 200 सीट का 54 फीसदी कांग्रेस, 35.5 फीसदी बीजेपी, निर्दलीय 6.5 फीसदी, आरएलपी 1, बीटीपी 1, रालोद 0.5 और सीपीआईएम के हिस्से में 1 फीसदी है.


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