Watch: बीजेपी नेता मदन दिलावर बोले- 'गोविंद सिंह डोटासरा आप जेल जाओगे तो निकालने वाला कोई नहीं मिलेगा'
Rajasthan Politics: राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बीजेपी के नेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है.कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा को BJP विधायक मदन दिलावर ने जवाब दिया है.
Madan Dilawar on Govind Singh Dotasara: विधानसभा चुनाव से पहले नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोपों की बौछारों की सियासत शुरू हो गई है. नेताओं के बोल भी बिगड़ने लगे हैं, नेताओं के बिगड़े बोल सुर्खियां बन रही हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने एक सभा मे कहा था कि रामगंज मंडी से बीजेपी के मदन दिलावर कैसे जीत जाते हैं? इस बयान के बाद मदन दिलावर ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा पर जोरदार हमला बोल दिया है.
पेपर आउट करवा के परिवार के लोगों को RAS बनाया
भारतीय जनता पार्टी के रामगंज मंडी से विधायक मदन दिलावर ने कहा कि डोटासरा जी, मदन दिलावर ऐसे जीतता है क्योंकि जनता का आशीर्वाद प्राप्त है. मदन दिलावर जनता की सेवा करता है. मदन दिलावर जनता के बीच रहता है और वो अपने परिवार के लोगों को आपकी तरह पेपर आउट करवाकर, आरपीएससी से पेपर मंगवाकर, नकल करवाकर RAS नहीं बनाता है.
आप आतंकवादियों को परिवार का सदस्य मानते हैं
डोटासरा जी आप कहते हैं कि आपको आरएसएस की विचारधारा ठीक नहीं लगती है. मैं आपको बता दूं कि आरएसएस की विचारधारा तो सामान्य विचारधारा है. RSS वसुदेव कुटुंबकम में विश्वास करता हैं. देश के प्रत्येक नागरिक के उत्थान और विकास की बात करता है. देश को सुरक्षित रखने की बात करती है. देश के सम्मान की बात करता है.
देश से आतंकवाद के सफाई की बात करता है. इसका मतलब आप RSS की इस विचारधारा के विरोध में है. आप देशभक्त ,चरित्रवान और संस्कारित लोग नहीं चाहते हैं. डोटासरा जी आप गुंडों के समर्थक हैं. आप तो आतंकवादियों को अपने परिवार का सदस्य मानते हैं.वो आपके मित्र हैं. भ्रष्टाचारी आपके सहयोगी हैं. डोटासरा जी आपकी ईमानदारी की सही तरीके से जांच हो जाए तो आप सीधे जेल जाएंगे. कोई निकालने वाला नहीं मिलेगा. आपने इतना भ्रष्टाचार किया है.
आपके भ्रष्टाचार की पोल तो शिक्षकों ने खोली थी ट्रांसफर के भी रुपये वसूले हैं अपने
बीजेपी विधायक दिलावर ने कहा कि जब शिक्षा मंत्री थे उस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षकों के एक कार्यक्रम में पूछा था। कि आपको ट्रांसफर के लिए पैसे देने पड़ते हैं क्या ? उस दौरान सभी शिक्षकों ने एक राय होकर कहा था- हां देने पड़ते हैं. इसका सीधा अर्थ हुआ कि आप ट्रांसफर के भी पैसे खाते थे.