Rajasthan Politics: राजस्थान में सीएम गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच जारी वार-पलटवार से प्रदेश की सियासत गर्मा गई है. वहीं आज पायलट ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर 11 मई से जन संघर्ष पदयात्रा निकालने का एलान कर दिया है. वहीं अब सवाल ये खड़ा हो रहा है कि पायलट इस यात्रा की शुरुआत अजमेर से ही क्यों कर रहे हैं.


इसलिए अजमेर से शुरू कर रहे यात्रा
दरअसल, सचिन पायलट अजमेर से जयपुर के बीच में लगभग 125 किलोमीटर की पदयात्रा करने वाले हैं. इसके पीछे की कहानी बताई जा रही है कि आरपीएससी से लगातार पेपर लीक हुए हैं, उसे लेकर कि यहां के युवाओं में आक्रोश है. पिछले दिनों आरपीएससी के सचिव को गिरफ्तार किया गया है. उस कहानी के बाद से यह सब बात समझ में आ रही हैं कि पेपर लीक के मामलों में आरपीएससी खुद शामिल रहा है. 


ऐसे में सचिन पायलट की रणनीति है वह युवाओं को पेपर लीक मामले में अपने साथ जोड़ना चाहते हैं. इस दौरान युवाओं से मिलना है, उनसे जुड़ना है और उन्हें लगता है कि पेपर लीक मामले में लोग उनके साथ आएंगे और उन्हें इसका फायदा भी मिलेगा. यहां से दो संदेश दिए जाएंगे पहला पेपर लीक पर बोलने के लिए खुद पायलट सामने आए हैं और दूसरा भ्रष्टाचार पर भी प्रहार होगा. जिसपर भारतीय जनता पार्टी या कांग्रेस दोनों ने कड़ा स्टैंड नहीं लिया है. 


पेपर लीक में बना रिकॉर्ड 
राज्य में 2011 से 2022 के बीच पेपर लीक के लगभग 26 मामले दर्ज किए गए हैं. उनमें से 14 पिछले चार वर्षों में रिपोर्ट किए गए हैं. राजस्थान भारत की पेपर लीक राजधानी बनता जा रहा है.


आरपीएससी से प्रदेश में सन्देश देने की तैयारी
आरपीएससी का हेड क्वार्टर अजमेर में है और वहां से पूरे प्रदेश के छात्रों और युवाओं में एक संदेश देने की तैयारी होगी. सभी उस मुद्दे पर एक होना चाहेंगे, क्योंकि आने वाले दिनों में कई परीक्षाएं होने वाली और नौकरी आएगी. उस पर सचिन पायलट इस मुद्दे को उठाकर यह बात सच साबित करना चाहेंगे कि भ्रष्टाचार के खिलाफ केवल राजे ही नहीं बल्कि उन्होंने पेपर लीक मामले में भी आवाज उठाई है. 


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