Bharatpur Coronavirus Update: राजस्थान के भरतपुर जिले में फिर कोरोना ने अपने पैर पसारने शुरू कर दिए हैं. रविवार 17 अप्रैल को 325 सैंपल कोरोना जांच के लिए भेजे गए, जिनमें से 52 पॉजिटिव मिले हैं. जिले में सबसे ज्यादा कोरोना के मरीज सामने आए हैं. जिसके बाद एक्टिव केसों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है. वहीं, आज कोई भी कोरोना का मरीज के रिकवर होने का अपडेट नहीं हा. 


एक दिन पहले ही जिला कलेक्टर आलोक रंजन के पॉजिटिव होने की सूचना मिली थी. अब मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. लक्ष्मण सिंह भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. भरतपुर में अब कोरोना का कहर बढ़ रहा है. अगर जल्दी ही कोरोना की कोई गाइडलाइन जारी नहीं की जाती है या मास्क और सैनिटाइजर अनिवार्य नहीं किया जाता है तो एक बार फिर कोरोना का खतरा बढ़ जाएगा. क्योंकि 22 अप्रैल से शादियों शुरू होने वाली हैं और बाजारों में भीड़ बढ़ने लगी है. किसान अपनी फसल से फ्री होकर अपने बच्चों की शादियां करते हैं. ऐसे में दो महीने शादियों की भरमार रहेगी.


शादी के सीजन को देखते हुए कोरोना गाइडलाइन जरूरी
अब अप्रैल में शादियों का सीजन शुरू हो गया है और 8 जुलाई तक लगभग 50 दिन शादी के मुहुर्त हैं. बाजार में भी शादी के सामान की खरीदारी करने के लिए लोगों की भीड़ देखी जा रही है. अब देखने वाली बात ये है कि शादियों की भीड़ को देखकर सरकार द्वारा कोई गाइडलाइन जारी की जाएगी, जिससे कोरोना पर अंकुश लगाया जा सके.


भरतपुर जिले में कई जगहों पर कोरोना के पॉजिटिव मरीज मिले हैं. सेवर तहसील में 1, कुम्हेर में 2, डीग में 8, भुसावर में 1, बयाना में 31, भरतपुर शहर में 9 मामले सामने आए हैं. इसके अलावा कामां, नगर, नदबई और रूपवास में अभी कोई भी कोरोना का मरीज सामने नहीं आया. सबसे ज्यादा पॉजिटिव बयाना कस्बे में सामने आए हैं. अब जिले में कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़कर 62 हो गई है.


कोरोना को देखते हुए लोगों से कोरोना गाइडलाइन का पालन करने को कहा जा रहा है. सैनिटाइजर और मास्क का उपयोग फिर से शुरू हो गया है. बढ़ते कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या चिकित्सा विभाग की चिंता बढ़ा रही है. क्योंकि एक दिन में 52 केस सामने आए हैं. बढ़ते कोरोना की संख्या को रोकने के लिए लोगों को जागरूक होना पड़ेगा. भरतपुर में 31 मार्च के बाद से कोरोना की जांच बंद हो गई थी, क्योंकि लैब टेक्नीशियन का समय पूरा होने के बाद उन्होंने आना बंद कर दिया था. जब प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ने लगे तो दोबारा से लैब टेक्नीशियन को बुलाया गया और जांच शुरू कर दी गई.


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