Rajasthan Delhi-Mumbai Expressway Corruption: दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस हाईवे (Delhi Mumbai Expressway) राजस्थान (Rajasthan) से होकर निकल रहा है. राजस्थान के विभिन्न जिलों से होकर गुजरने वाले गुजरने वाले इस एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण का कार्य चल रहा है. 7 जिलों में 374 किलोमीटर के निर्माण कार्य में हर जिले में भ्रष्टाचारी अफसरों ने इसे भ्रष्टाचार का हाईवे बना दिया है. इसके निर्माण के दौरान अब तक एक आईएएस, एक आईपीएस और 3 आरएएस रिश्वत कांड में पकड़े जा चुके हैं जबकि अभी चार जिलों में 214 किलोमीटर का निर्माण कार्य बचा है. 


भ्रष्टाचार का हाईवे
माना जा रहा है ये हाईवे देश के विकास को गति देने वाला साबित होगा, लेकिन फिलहाल अधिकारियों के लिए ये भ्रष्टाचार का हाईवे बन गया है. हाईवे निर्माण कम्पनियों पर जिले में अधिकारियों के जरिए दबाव बनाकर मंथली उगाही का खेल चल रहा है. राजथान के 7 जिलों से गुजरने वाले इस एक्सप्रेस हाईवे में दौसा तक का काम पूरा हो चुका है. अलवर, भरतपुर, दौसा, सवाई माधोपुर, टोंक, बूंदी और कोटा से होते हुए इस हाईवे को बनाया जा रहा है. 317 किलोमीटर का हाइवे इन जिलों में बनना है, लेकिन इसके निर्माण में कई अधिकारियों ने भ्रष्टाचार का खेल शुरू कर दिया. 


जिला प्रशासन की होती है जिम्मेदारी
भ्रष्टाचार के मामले में कई अधिकारी धरे गए हैं. एक आईएएस, एक आईपीएस और तीन आरएएस रिश्वत कांड में पकड़े जा चुके हैं. इसके अलावा कोटा में निर्माण कार्य शुरू होने से पहले ही कलेक्ट्रेट का सूचना सहायक पकड़ा गया है. राजस्थान सीमा में एक्सप्रेस हाईवे के आते ही भृष्टाचारी अधिकारियों का खेल शुरू हो गया. काम मे कोई रुकावट ना आए और आवप्त की गई जमीनों के भुगतान कराने की जिम्मेदारी जिला प्रशासन की होती है. लेकिन, प्रशासन ने हाईवे निर्माण कम्पनियों से मासिक बंधी वसूलना शुरू कर दिया, इसका खुलासा कई अधिकारियों के पकड़े जाने के बाद हुआ. 


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खुलेआम चल रहा है भ्रष्टाचार का खेल
हाल ही में एसीबी ने आईएएस नंनुमल पहाड़िया और एक आरएएस अशोक सांखला को हाईवे निर्माता कम्पनी के प्रतिनिधि से 5 लाख रुपए की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था. जानकारी के अनुसार हर महीने कम्पनी से 4 लाख रुपए की मासिक बंधी कलेक्टर के नाम और एक लाख रुपए आरएएस अशोक सांखला अपने नाम से वसूलता था. जनवरी 2021 में एसीबी ने दौसा में आरएएस पिंकी मीणा और पुष्कर मित्तल को गिरफ्तार किया था. दोनों ने एक्सप्रेस वे निर्माण में अड़चन नहीं डालने की एवज में कम्पनी से घूस मांगी थी. मित्तल को 5 लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया था साथ ही पिंकी ने 10 लाख रुपए की मांग की थी.


धरे गए अधिकारी
इसके अलावा दौसा के तत्कालीन एसपी आईपीएस मनीष अग्रवाल को भी 4 लाख की मंथली लेते पकड़ा गया था. कम्पनी पर चल रहे कुछ केसों को रफा दफा किए जाने के चलते भी 10 लाख रुपए लिए गए. वहीं, दलाल नीरज मीणा ने एसपी के नाम से कम्पनी से 38 लाख रुपए उठाए बाद में नीरज और गोपाल भी गिरफ्तार हुए. कोटा में अभी निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हुआ कि वहां कलेक्ट्रेट में पदस्थापित सूचना सहायक दीपक रघुवंशी और दलाल एकांत को एक लाख रुपए के साथ गिरफ्तार किया गया था. 


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