Bikaner: सरकारी नौकरी के लिए अपने ही जिगर के टुकड़े की हत्या! मां-बाप ने 5 महीने की मासूम को नहर में फेंककर मार डाला
Bikaner News: बीकानेर में दिल को दहला देनेवाली घटना सामने आई है. माता-पिता ने सरकारी नौकरी जाने के डर से 5 महीने की मासूम बच्ची को नहर में फेंक दिया. नहर से निकालने जाने के बाद बच्ची की मौत हो गई.
Rajasthan Crime News: राजस्थान के बीकानेर जिले में कलयुगी मां-बाप की करतूत सामने आई है. दंपति ने 5 महीने की मासूम बच्ची को नहर में फेक दिया. रोने की आवाज सुन लोगों ने बच्ची को पानी से निकाला. पानी ज्यादा ठंडा होने के कारण बच्ची अंशु ने दम तोड़ दिया. रोंगटे खड़ी कर देनेवाली घटना छतरगढ़ थाना इलाके की है.
पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि महापाप मां-बाप ने किया था. पुलिस ने आरोपी दंपति को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने बताया कि झंवरलाल चाडासर गांव में विद्यालय सहायक संविदाकर्मी है. पिता ने सरकारी नौकरी को बचाने के लिए जनधन्य अपराध किया. झंवरलाल ने घिनोने अपराध में पत्नी को भी शामिल कर लिया था.
मां-बाप ने मासूम बच्ची को नहर में फेंका, मौत
रविवार शाम चार सीएचडी स्थित साले के घर से वापस दियातरा जाते समय बीच रास्ते बच्ची को इंदिरा गांधी नहर प्रोजेक्ट में फेंक दिया. झंवरलाल पत्नी और दो बच्चों के साथ बाइक पर था. लोगों ने लाल कपड़े वाली महिला को बच्ची को नहर में फेंकते हुए देखा था. मासूम को फेंकते देख लोग चिल्लाए. बाइक सवार झंवरलाल पत्नी के साथ निकल गया.
रोने की आवाज पर लोगों ने बच्ची को नहर से बाहर निकाला. लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. घटना का पता लगने पर पुलिस ने छतरगढ़ और खाजूवाला एरिया में नाकेबंदी कर दी. खाजूवाला में गश्त कर रही पुलिस टीम ने दंपति की बाइक को रोका. पूछताछ में झंवरलाल ने साले के घर जाना बताया. शक होने पर पुलिस टीम ने दंपति, आधार कार्ड और बाइक का भी फोटो खींच लिया.
सरकारी नौकरी बचाने के लिए किया महापाप
फोटो खींचने के बाद झंवरलाल को जाने दिया गया. आला अधिकारियों को पता लगने पर दंपति को पूछताछ के लिए बुलाया गया. पूछताछ में स्वीकार करने के बाद दंपति को गिरफ्तार कर लिया गया. झंवरलाल ने पिछले साल दिसंबर महीने में शपथ पत्र दिया था. शपथ पत्र में दो संतान का बताया था. उसे डर था कि दो से ज्या बच्चे होने पर सरकारी नौकरी नहीं मिलेगी.
ऐसे में उसने एक बच्ची को नहर में फेंक कर मार दिया. झंवरलाल को लगता था कि जल्द स्थाई सरकारी कर्मचारी बन जाएगा. सरकारी नौकरी की शर्त है दो से ज्यादा संतान नहीं होनी चाहिए. एक बच्ची को नहर में फेंकने के बाद भी तीन बच्चे हैं. एक बेटी झंवरलाल ने बड़े भाई को गोद दे रखी है. उसका कहना है कि दुर्घटनावश बच्ची नहर में गिर गई.
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