Rajasthan Dungarpur Beneshwar Dham: वागड़ के प्रयाग के रूप में प्रसिद्ध राजस्थान के डूंगरपुर (Dungarpur) जिले में स्थित बेणेश्वर धाम (Beneshwar Dham) में सोमवार को पौष पूर्णिमा पदयात्रा हुई. पदयात्रा कोरोना के कारण सांकेतिक ही रखी गई लेकिन इस बीच हजारों की संख्या में जनसैलाब उमड़ पड़ा. पदयात्रा में कोरोना गाइडलाइन्स (Corona Guidelines) की अनदेखी हुई. साबला के हरि मंदिर से बेणेश्वर पीठाधीश्वर महंत की अगुवाई में निष्कलंक भगवान की पूजा-अर्चना के साथ पदयात्रा शुरू हुई जिसमें भक्तों का कारवां जुड़ता गया. पदयात्रा में भगवान निष्कलंक और मेंघणी की झांकी, नगाड़ों की नाद और धर्म पताका लिए भक्त मावजी महाराज, निष्कलंक भगवान तथा महंत के जयकारे लगाते हुए 5 किलोमीटर पैदल चलकर साबला से बेणेश्वर पहुंचे.
भारी संख्या में पहुंचे भक्त
इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते पदयात्रा कार्यक्रम सांकेतिक रूप से रहा. पदयात्रा बेणेश्वर पहुंचने पर महंत ने धाम पर स्थित राधाकृष्ण मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना की. वहीं, महाराज ने माही माता में श्रीफल भेंट की, सूर्य भगवान की आराधना और दर्शन किए. पुर्णिमा पर लोगों द्वारा अस्थियों का विसर्जन कर पिंडदान किया गया. इसके बाद लोगों ने माही नदी में डुबकी लगाई. पदयात्रा के कार्यक्रम में दुकानें भी सजाई गई जहां से लोगों ने रोजमर्रा की वस्तुओं की खरीददारी की. यहां कोरोना पर आस्था भारी देखने को मिली. पाबंदियों के बाद भी भक्त बडी संख्या में पहुंचे.
भारी संख्या में मौजूद रही पुलिस
मंहत ने अपने संबोधन में कहा कि ये त्रिवेणी संगम पवित्र धाम है. इसको हमारे क्षेत्र में वागड़ प्रयाग के नाम से जाना जाता है. यहां धाम पर अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रशासन से भी अनुरोध किया जाता है. भक्तों सेआह्वान है कि यहां मांस, मंदिरा एवं शराब की बिक्री ना करें. साथ ही इसे मद्य पान निषेध क्षेत्र घोषित किया जाए, इस पुनीत कार्य के लिए प्रशासन को सूचित कर सहयोग करें. धाम की पवित्रता को बनाए रखने में पूरी तरह सक्रिय रहें. इस दौरान पुलिस भी भारी संख्या में मौजूद रही जो लोगों से कोरोना नियमों का पालन करती रही.
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