Current Accidents in Kota-Jhalawar: राजस्थान के कोटा और झालावाड़ में रविवार (29 दिसंबर) को अलग-अलग घटनाओं में करंट लगने से तीन बच्चों की मौत हो गई. कोटा के महावीर नगर थाना क्षेत्र में टीचर्स कॉलोनी में बिजली के तार पर फंसी पतंग को उतारने की कोशिश कर रहे 11 साल के करण की करंट लगने से मौत हो गई.


थाना प्रभारी महेंद्र ने बताया कि कुछ मीटर दूर खड़ा उसका 9 साल का भाई राहुल भी करंट लगने से झुलस गया, लेकिन इलाज के बाद उसे अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. पुलिस का कहना है कि पतंग के मांझे में धातु पाउडर की एक लेयर थी, जिससे करंट पास हो सकता था. बच्चे ने पतंग का तार छुआ, जिस वजह से वह झुलस गया. वहीं, करण के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को दे दिया गया. 


बच्चों पर गिरा हाई टेंशन वायर


वहीं, झालावाड़ के अकलेरा कस्बे में देवकरण में 10 साल के मीणा और 8 वर्षीय यश अपने घर के बाहर खेत में खेल रहे थे. उनके घर के पास से ही एक हाई टेंशन वायर गुजरता है. खेत में बच्चों के खेलते समय बिजली का हाईटेंशन तार उन पर गिर गया. इससे दोनों करंट की चपेट में आ गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका. 


एलकेरा इलाके की पुलिस द्वारा मिली जानकारी के अनुसार, आसपास के लोगों ने बच्चों को देखा तो तुरंत उन्हें अस्पताल लेकर भागे, लेकिन डॉक्टर्स ने दोनों मासूमों को मृत घोषित कर दिया. नाराज परिजनों ने बिजली कंपनी के खिलाफ लापरवाही का आरोप लगाते हुए पुलिस में तहरीर दी है. पुलिस ने भी केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. वहीं, दोनों बच्चों के शवों को पोस्टमार्टम के बाद उनके परिवार को सौंप दिया गया है.


बिजली कंपनियों पर कार्रवाई की मांग


कोटा और झालावाड़ में हुईं इन दो घटनाओं ने परिवार और गांव में शोक का माहौल बना दिया है. स्थानीय लोगों में भी नाराजगी है. वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि बिजली के इतने खतरनाक तारों से आम जनता की सुरक्षा के लिए कोई ठोस कदम उठाने चाहिए. बिजली व्यवस्था में सुधार लाना जरूरी है. 


(पीटीआई भाषा के इनपुट के साथ)


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