त्यौहार आते ही ऑनलाइन ठगी की वारदात बढ़ जाती है. त्यौहारी सीजन में ऑनलाइन खरीदारी पर ऑफर का इंतजार रहता है. ऑफर के झांसे में फंसाकर ठग अकाउंट साफ कर देते हैं. न्यू ईयर के मौके पर भी लोग ऑनलाइन ठगी का शिकार हो रहे हैं. फेक डिलीवरी बॉय, जी मेल या बिटकॉइन सहित अन्य कई तरीकों से ठगी हो रही है. आकर्षक ऑफर की पेशकश कर लोगों को झांसे में लिया जा रहा है. ठगों का शिकार होने से बचने के लिए आपको सावधान रहने की जरुरत है. साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल के पास पीड़ित लोग पहुंच रहे हैं.
फेक डिलीवरी बॉय
ऑनलाइन ऑर्डर करने के बाद घर पर डिलीवरी बॉय सामान लेकर आता है. लेकिन अब फेक डिलीवरी बॉय भी आने लगे हैं. आपके घर डिलीवरी बॉय आकर कहेगा ऑर्डर है. आप कहेंगे कि कोई ऑर्डर किया नहीं है. फेक डिलीवरी बॉय आपको कहेगा डिलीवरी बॉक्स पर लिखे कस्टमर केयर नंबर पर फोन कर ऑर्डर कैंसल करवा दीजिए. यहां से शुरू होता है ठगी का खेल. कस्टमर केयर से ऑर्डर कैंसल करवाने के नाम पर एक ओटीपी आएगा. आपको ओटीपी बताने को कहा जाएगा. बताने के कुछ ही देर बाद आपके पेटीएम, गूगल पे या अन्य ऑनलाइन पेमेंट एप से पैसा पार हो जाएगा.
न्यू ईयर सेलिब्रेशन
कल 2022 साल की आखिरी तारीख 31 दिसंबर है. युवा पार्टी करने के लिए लोकेशन या जगह को ऑनलाइन तलाश रहे हैं. तलाश पूरी हो जाने के बाद युवा नंबर पर कॉल करते हैं. ठग रजिस्ट्रेशन के नाम पर एडवांस कुछ पेमेंट ले लेते हैं. पुष्टि में पता चलता है कि जगह या लोकेशन फेक थी. एक सामान के बदले दूसरा सामान मुफ्त की भी ऑनलाइन पेशकश की जा रही है. ऐसे में लोग खरीदने के लिए रजिस्ट्रेशन या ऑर्डर करने पर ठग अकाउंट खाली कर रहे हैं.
जी-मेल से ठगी
साइबर एक्सपर्ट चंदेल का कहना है कि कई लोगों का जी मेल पासवर्ड मोबाइल नंबर होता है. ठग रेंडमली लोगों को कॉल करते हैं. कॉल करने के बाद ऑफर का झांसा देकर जी-मेल आईडी ले लेते हैं. जी-मेल आईडी मिल जाने के बाद पासवर्ड की जगह व्यक्ति का मोबाइल नंबर ठग डालते हैं. 100 में से 10 लोगों का पासवर्ड मोबाइल नंबर मिल जाता है. जी-मेल ओपन होते ही व्यक्ति का मोबाइल अंडर में लेकर फॉर्मेट मार देते हैं. व्यक्ति को पता ही नही चलता कि क्या हुआ. फिर उसके सोशल मीडिया अकाउंट से दोस्तों को मैसेज करते हैं और मुसीबत में होने की बात कहकर ठगी करते हैं.
नए साल में 5G रजिस्ट्रेशन
लोगों के पास अभी काफी कॉल या मैसेज आ रहे हैं. लोगों से कहा जा रहा है कि नए साल पर 5-जी सिम का रजिस्ट्रेशन हो रहा है. लोग बहकावे में आते हैं और रजिस्ट्रेशन के नाम पर खुद का डेटा दे देते हैं. ठगी का शिकार होने के बाद लोगों को पता चलता है कि ठगों का झांसा था.
साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल की सलाह है कि ठगी का शिकार होने से बचने के लिए जरुरी है कि ऑफर का ऑर्डर करने से पहले पुष्टि कर लें कि कंपनी का लीगल सोशल मीडिया पेज है या नहीं. साथ ही कभी भी किसी से अपना ओटीपी शेयर नहीं करें. खासतौर पर तब जब कोई त्यौहार आने वाला हो क्योंकि ठग सबसे ज्यादा इसी समय एक्टिव होते हैं.
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