Rajasthan Police: कम्युनिटी पुलिसिंग से जुड़ेंगे साइबर मित्र, लोगों को ऑनलाइ फ्रॉड से बचाने की तैयारी
Cyber Police Station: राजस्थान कम्युनिटी पुलिसिंग के एसपी पंकज चौधरी ने पुलिस मित्र,आपदा मित्र के बाद अब साइबर मित्र की अवधारणा पर काम शुरू किया है. उन्होंने साइबर मित्र की बात सामने रख दी है.
Cyber Crime Control in Rajasthan: राजस्थान में अपराध (Crime) पर नियंत्रण लगाने के लिए सरकार एक तरफ कई पैमाने तैयार कर रही है. वहीं दूसरी तरफ सरकार प्रदेश में साइबर थाने (Cyber Police Station) भी खोल रही है. इन सबके बीच कम्युनिटी पुलिसिंग (Community Policing) को मजबूत करने और दायरा बढ़ाने में कम्युनिटी पुलिसिंग के एसपी पंकज चौधरी (Pankaj Choudhary) मजबूती से जुटे हैं.
राजस्थान में अलग-अलग क्षेत्रों का किया दौरा
पंकज चौधरी ने पिछले दिनों राजस्थान में अलग-अलग क्षेत्रों का दौरा किया. इसी दौरान पंकज चौधरी ने बाड़मेर के आदर्श थाने का निरीक्षण किया. वहां बाड़मेर के एसपी समेत ज़िले के सभी पुलिस अधिकारी मौजूद थे. इस दौरान सीएलजी सदस्य, पुलिस मित्र व ग्राम रक्षक भी मौजूद रहे. कम्युनिटी पुलिसिंग के एसपी पंकज चौधरी का कहना है कि इसी तरीके से कम्युनिटी पुलिसिंग में साइबर मित्र की भी जरूरत है, जो लोगों को जाकर जागरूक कर सकें. उन्होंने इसके लिए सुझाव भी दे दिया है. उनका सझाव है कि सभी थानों में साइबर मित्र के होने से साइबर क्राइम पर अंकुश लगेगा और लोग बड़े नुकसान से लोग बच जाएंगे.
आपदा मित्र की तरह नया प्रयोग
राजस्थान कम्युनिटी पुलिसिंग के एसपी पंकज चौधरी ने पुलिस मित्र,आपदा मित्र के बाद अब साइबर मित्र की अवधारणा पर काम शुरू किया है. उन्होंने साइबर मित्र की बात सामने रख दी है. पंकज चौधरी बताते हैं कि हमने पिछले दिनों प्रदेश के विभिन्न थानों का निरीक्षण किया है. इस दौरान देखने में आया कि व्यापारी संगठनों व कई लोगों ने साइबर अपराध को रोकने की मांग उठाई. उनका कहना है कि ज्यादातर लोग साइबर क्राइम और फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं. उनके लिए साइबर मित्र की जरूर समझी जा सकती है. ऐसे में कम्युनिटी पुलिसिंग के साथ हर थाने में साइबर मित्र के होने से बड़ी राहत मिलेगी.
साइबर एसपी रहे हैं पंकज चौधरी
दरअसल, साइबर मित्र की भूमिका को पंकज चौधरी इसलिए बेहतर समझ रहे हैं, क्योंकि वर्ष 2016 में वे पंकज राज्य स्तरीय साइबर थाने के एसपी रहे हैं. उनका कहना है कि साइबर फ्रॉड या क्राइम रोकने के लिए संगठित ढांचा तैयार करने की क़वायद शुरू हुई है. इस बार बजट में साइबर क्राइम के लिए राज्य सरकार ने बड़ा बजट भी दिया है. प्रदेश के 32 जिलों में साइबर थाना, रेंज स्तर पर इंफ्रास्ट्रक्चर और एक्स्पर्ट्स की भर्तियां शुरू हुई है. लेकिन, इससे ही समस्या का समाधान नहीं होने वाला. इसके लिए साइबर मित्र और पब्लिक के सहयोग से बहुत कुछ बेहतर हो सकता है.
साइबर क्राइम रोकने में मिल रही सफलता
बारां जिले की साइबर थाना पुलिस ने साइबर ठगी के शिकार हुए दो पीड़ितों के 2.35 लाख रुपए रिकवर करा वापस पीड़ितों के बैंक खातों में रिफंड करवाए हैं. बिजली का बिल पेंडिंग होने और क्रेडिट कार्ड बंद करने का झांसा देकर दोनों से ऑनलाइन ठगी की गई थी. एसपी राजकुमार चौधरी ने बताया कि जिले में 2 जनवरी को ही साइबर पुलिस थाना का शुभारंभ हुआ था. इन दो महीनों में साइबर ठगी के 6 मुकदमे पंजीबद्ध किए गए, जिनका अनुसंधान किया जा रहा है. नाकोड़ा कॉलोनी निवासी पीड़ित गिरिराज प्रसाद से बिजली का बिल पेंडिंग होने के नाम पर 74100 रुपये की ठगी हुई, वही केका खेड़ी मांगरोल निवासी हरि शंकर से एसबीआई क्रेडिट कार्ड को बंद करने का झांसा देकर 161000 रुपये की ठगी हुई थी.
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