Rajasthan: राजस्थान में कानून-व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण, साइबर अपराधों की रोकथाम और आमजन को साइबर खतरों के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से सभी जिलों में साइबर पुलिस थानों का जल्द ही गठन किया जाएगा. राज्य के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ने साइबर पुलिस थानों के लिए आवश्यक पदों के सृजन, भवन निर्माण और उपकरणों की उपलब्धता के लिए प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दे दी है.


सीएम ने बजट में की थी घोषणा


इसके साथ ही प्रदेश में औद्योगिक इकाइयों को सहज और सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने की दृष्टि से राजस्थान औद्योगिक सुरक्षा बल (आरआईएसएफ) का गठन भी शीघ्र किया जाएगा. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सभी जिलों में साइबर थाने खोलने की घोषणा अपने बजट भाषण में की थी.


जयपुर में साइबर थाना पहले से कार्यरत है. अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) अभय कुमार ने शुक्रवार को गृह विभाग से संबंधित बजट घोषणाओं की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था को आधुनिक और सुदृढ़ बनाने की दृष्टि से की गई बजट घोषणाओं को समयबद्ध रूप से पूरा किया जाए.


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मिली प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी


उन्होंने कहा कि राजस्थान औद्योगिक सुरक्षा बल का गठन प्रदेश में उद्योगों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण बजट घोषणा है. इसके लिए कार्य योजना शीघ्र तैयार की जाए. कुमार ने कहा कि देशभर में साइबर अपराधों के बढ़ते ग्राफ के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने बजट में सभी जिलों में साइबर थाने खोलने की घोषणा की है. इस दिशा में प्रतिबद्धता के साथ काम किया जाए. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इन थानों के लिए आवश्यक प्रशासनिक और वित्तीय मंजूरी दे दी है.


जयपुर में पहले से है साइबर थाना


बैठक में बताया गया कि जयपुर में साइबर थाना पहले से कार्यरत है. शेष जिलों में साइबर थानों के लिए उपपुलिस अधीक्षक, पुलिस निरीक्षक, पुलिस उपनिरीक्षक, हेड कांस्टेबल, कांस्टेबल, कांस्टेबल चालक, प्रोग्रामर, सूचना सहायक आदि के करीब 480 पदों का सृजन किया गया है.


बैठक में बताया गया कि थानों के लिए आवश्यक उपकरण के लिए प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति विगत दिनों जारी कर दी गई. थानों के स्थायी भवन निर्माण के लिए भी आवश्यक दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं. इसके साथ ही इन थानों के संचालन के लिए दिशानिर्देश भी तैयार किये गये हैं.


इस अवसर पर पुलिस की प्रतिक्रिया अवधि और बेहतर करने के लिए 108 एम्बुलेंस की तर्ज पर 500 मोबाइल पुलिस इकाई के गठन पर भी चर्चा की गई. इन मोबाइल पुलिस इकाई को अभय कमांड सेंटर, डायल 100 और 112 से जोड़ा जाएगा.


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