Rajsamand News: राजस्थान में भारी बारिश से लबालब हुए बांध, राजसमंद के बाघेरी का नाका छलकने से ग्रामीणों में खुशी
Bagheri Ka Naka Dam: पेयजल परियोजना के तहत राजसमन्द जिले में साल 2006 में बाघेरी का नाका बांध बनकर तैयार हुआ था. इसका मकसद इससे जुड़े गांव में पेयजल की समस्या को दूर करना था.
Bagheri Ka Naka Dam: इस बार के मॉनसून में राजस्थान में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया है. राज्य में काफी अच्छी बारिश देखने को मिली है. इसका नतीजा ये है कि बांध और जलाशय पानी से लबालब भर गए हैं, इससे लोग खुश हैं, क्योंकि उन्हें अब सालभर पीने का पानी मिलेगा. ऐसे में हर कोई चाहता है कि जलाशयों से रिसते पानी में आनंद लिया जाए. जलाशयों के लिये फेमस उदयपुर संभाग में इन दिनों हो भी यही रहा है, लेकिन राजसमंद जिले में जलाशयों के लबालब होने से अलग ही खुशी का माहौल है. इस जिले से 292 गांव में खुशी की लहर है कि अब क्योंकि बाघेरी का नाका छलक गया है. बड़ी बात यह है कि यह बांध जुलाई में छलका है जबकि अमूमन यह अगस्त के अंत में तक छलकता है.
गांव के लोग पहुंचे खुशियां मनाने
पेयजल परियोजना के तहत राजसमन्द जिले में साल 2006 में बाघेरी का नाका बांध बनकर तैयार हुआ था. इसका मकसद इससे जुड़े गांव में पेयजल की समस्या को दूर करना था. 16 साल के इतिहास में यह 7वीं बार ऐसा हुआ है कि यह जुलाई महीने में ही बांध छलक गया है. बांध पहली बार 22 जुलाई 2007 में छलका था. 2008 और 2009 में बारिश कम होने से बाघेरी में पानी की आवक हुई, लेकिन यह छलका नहीं था. फिर 2010, 2011 से 2014 तक अगस्त में छलका था. 2015 से 2018 तक जुलाई में छलका था. 2019 और 2020 में अगस्त में छलका था. इसके छलकने के बाद आसपास के गांव के लोग बाघेरी नाका पहुंचे और उसके रपट पर नहाने का आनंद लिया. हरियाली अमवस्यान के कारण भी लोगों की आवाजाही ज्यादा हो रही है.
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342 करोड़ में 183 पेयजल योजना को मंजूरी
जल जीवन मिशन के तहत प्रदेश के 13 जिलों में 342.23 करोड़ रूपए लागत की 183 छोटी पेयजल योजनाओं (ओटीएमपी) को मंजूरी दी गई है. इन पेयजल योजनाओं के माध्यम से 258 गांवों के 63 हजार 707 घरों में नल के माध्यम से जल कनेक्शन दिए जाएंगे. अतिरिक्त मुख्य सचिव जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी एवं भूजल डॉ. सुबोध अग्रवाल की अध्यक्षता में हुई राजस्थान वाटर सप्लाई एवं सीवरेज मैनेजमेंट बोर्ड की वित्त समिति की बैठक में इसकी प्रशासनिक और वित्तीय स्वीकृति दी गई.
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि इन 183 छोटी पेयजल योजनाओं में अलवर जिले की 91, उदयपुर की 23, भरतपुर की 21, डूंगरपुर की 17, दौसा, श्रीगंगानगर एवं धौलपुर की 7-7, सीकर की 4, चित्तौड़गढ़, पाली एवं हनुमानगढ़ की 2-2 तथा राजसमन्द और बीकानेर जिलों की 1-1 छोटी पेयजल योजना शामिल हैं. इन जिलों के 258 गांवों को इसका लाभ मिलेगा जहां कुल 63 हजार 707 हर घर जल कनेक्शन दिए जाएंगे.