पिछले कुछ दिन से हो रही बरसात के कारण सभी बांधों में पानी की तेज आवक हो रही है. बांधों का जल स्तर बढ गया है और अधिकांश बांध प्रदेश के फुल हो गए हैं. वहीं राजस्थान के सबसे बड़े गांधी सागर बांध (Gandhi Sagar Dam) की क्षमता के अनुरूप पानी की आवक होने से इस सीजन में पहली बार बांधों के गेट खोलकर पानी की निकासी की जा रही है. इसके साथ ही कोटा बैराज और राणा प्रताप सागर से पानी की निकासी लगातार की जा रही है.
गांधी सागर बांध से पहली बार 10 गेट खोलकर 2.65 लाख क्यूसेक पानी की निकासी
एक सप्ताह पहले ऐसा लग रहा था कि राजस्थान के कई जिलों में सूखा पड़ जाएगा और फसले खराब हो जाएंगी लेकिन पिछले एक हफ्ते की बरसात ने जहां धरती की प्यास बुझाई वहीं किसानों को भी खुश कर दिया. चम्बल पर बने बांध खाली थे उनकों भी इस बरसात से संजीवनी मिल गई. प्रदेश के एक दर्जन से अधिक बड़े बांध भर गए हैं. चंबल के सभी बांध 95 से 99 प्रतिशत भर गए हैं. गांधी सागर बांध में तो सीजन में पहली बार 10 गेट खोलकर 2.65 लाख क्यूसेक पानी की निकासी गई है. कोटा बैराज का एक गेट खोलकर 2520 क्यूसेक पानी की निकासी गई. हालांकि जवाहर सागर में पानी की निकासी नहीं हो रही है.
फसल सूखने लगी थी, लेकिन अब मिली संजीवनी
कोटा संभाग में करीब 11 लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई की गई है. लेकिन इस बार बारिश नहीं होने से फसल को भारी नुकसान हो रहा था, फसल सूखने लग गई थी और नहरों से पानी की डिमांड की जा रही थी. कोटा संभाग में 751.53 एमएम औसत बारिश होती है, लेकिन अब तक 549.29 बारिश हुई है. इसमें भी अधिकांश बारिश अभी हुई है. अब बारिश होने और बांधों में पानी की आवक होने से सिंचाई और पेयजल का संकट खत्म हो गया है. साथ ही बिजली की बचत भी होने लगी है. मौसम ठंडा होने से बिजली संकट कम हो गया. इसके साथ ही सरकार ने भी राहत की सांस ली वहीं आमजन व किसान भी प्रसन्न मुद्रा में दिखाई दे रहे हैं.