मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) ने सरकारी विभागों में काम कर रहे 1 लाख 10 हजार से ज्यादा संविदाकर्मियों को नियमित करने का फैसला किया है. सभी संविदाकर्मियों को राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के दायरे में लिया जाएगा. ये नियम राज्य के सभी विभागों में काम कर रहे संविदाकर्मियों पर लागू होंगे. इस नियम के लागू होने से अब पहले से काम कर रहे संविदाकर्मियों को इंक्रीमेंट देने और उन पदों को स्थायी करने पर उन्हें सरकारी नौकरी में परमानेंट करने का रास्ता साफ हो गया है.


क्यों शुरू हो गया विरोध?


राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 का प्रस्ताव पास होते ही कर्मचारी संगठन इसके विरोध में आए गया है. जोधपुर पंचायती राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष शंभू सिंह मेड़तिया ने बताया कि कर्मचारियों के पूर्व में किए गए काम को एक्सपीरिएंस के साथ नहीं जोड़ा गया है जिसके चलते कर्मचारियों को लाभ नहीं हो रहा है, क्योंकि संविदा पर जितने भी कर्मचारी काम कर रहे हैं उनकी उम्र 30 वर्ष लगाकर 58 वर्ष है. कई कर्मचारी ऐसे हैं जो 25 साल से सेवाएं दे रहे हैं. ऐसे में इसमें बदलाव किया जाए जिससे कि उनको फायदा मिल सके. सरकार को उसमें संशोधन करना होगा नहीं तो कर्मचारी संघ जमकर विरोध करेंगे, धरना प्रदर्शन करेंगे.


वेतन को लेकर जानकारी


संविदा पर शुरुआती वेतन 10 हजार 400 रुपए हर महीने तय होगा. नौ साल सर्विस पूरी करने पर 18 हजार 500 और 18 साल की सर्विस पूरी होने पर 32 हजार 300 रुपए वेतन मिलेगा.


विभागवार जानकारी


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में राजस्थान कॉन्ट्रैक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022' लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. ये नियम राज्य के सभी विभागों में काम कर रहे संविदाकर्मियों पर लागू होंगे. मौजूदा समय में शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैराटीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम टीचर सहित कुल 41 हजार 423 संविदाकर्मी नियमित होंगे. ग्रामीण विकास और पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18 हजार 326 संविदाकर्मी, अल्पसंख्यक विभाग के 5 हजार 697 मदरसा पैरा टीचर्स, हेल्थ डिपार्टमेंट के 44 हजार 833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी नियमित होंगे.


21 अक्टूबर को तय हुआ फॉर्मूला


शिक्षाकर्मी, पैराटीचर्स और ग्राम पंचायत सहायक को कॉन्ट्रैक्चुअल सर्विस रूल्स के दायरे में लेने का फॉर्मूला 21 अक्टूबर को ही तय किया था. जिन संविदाकर्मियों का पहले का वेतन ज्यादा होगा तो उन्हें मिलने वाले वेतन में दो सालाना इंक्रीमेंट जोड़कर नया वेतन तय किया जाएगा.


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