Jaipur Dengue and Swine Flu Update: प्रदेश में कोरोना की चौथी लहर का जहां खतरा बना हुआ है वहीं इस तेज गर्मी में स्वाइन फ्लू ने भी पैर पसार लिया है. 15 दिन में 40 से ज्यादा स्वाइन फ्लू के मामले सामने आ चुके हैं. इन दिनों फिर एक बार डेंगू और स्वाइन फ्लू के वायरल फैलने का खतरा मंडराने लगा है. लगातार सामने आ रहे स्वाइन फ्लू के मरीजों ने तो चिकित्सा विभाग की चिंताएं बढ़ा दी है. पिछले 45 दिनों में करीब चार दर्जन स्वाइन फ्लू के मरीज सामने आ चुके हैं. जिसमें 35 मरीज तो अकेले जयपुर में पाए गए हैं.
डॉक्टर्स ने दी ये सलाह
कोरोना और स्वाइन फ्लू की गंभीर स्थिति में सीधा फेफड़ों पर असर होता है. इसलिए इसके लिए इम्युनिटी पावर जरूरी है. डॉक्टर्स का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को गले में खराश, खांसी, बुखार, नाक बहना, मांसपेशियों में दर्द, सरदर्द, उल्टी और दस्त के लक्षण दिखे तो कोरोना के साथ ही स्वाइन फ्लू की जांच भी जरूर कराएं. संक्रमित व्यक्ति से बच्चे, बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को दूर रहने की डॉक्टर्स सलाह देते हैं.
यहां भी मिले मरीज?
जयपुर के अलावा अलवर, दौसा, झुंझुनूं, अजमेर, भीलवाड़ा, टोंक, सवाईमाधोपुर सहित 10 जिलों में 45 दिनों में 47 मरीज स्वाइन फ्लू के पाए गए हैं जहां 2021 में 20 मरीज पाए गए थे. स्वाइन फ्लू वायरस के सक्रिय होने से चिंता बढ़ने लगी है. सरकारी और निजी अस्पतालों में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है. साथ ही चिकित्सा विभाग मुख्यालय ने सभी संक्रमित मरीजों का डाटा एकत्रित कर सभी सीएमएचओ को मुख्यालय भेजवाने के भी निर्देश जारी किए हैं.
कब आया था पहला केस?
वहीं एडीज एजिप्टी से काटने से डेंगू के मरीजों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. प्रदेश में डेंगू संक्रमित मरीजों की संख्या करीब 600 के आसपास है. इसमें अकेले जयपुर में 230 मरीज डेंगू के पाए गए हैं. प्रदेश में 2009 में स्वाइन फ्लू का पहला केस आया था. वहीं 2011 में 36 मामले सामने आए. जिसमें 11 की मौत हो गई थी, लेकिन 2015 में 6858 केस सामने आने से हड़कंप मच गया था जिसमें 472 मरीजों की मौत हो गयी थी.
सबसे बड़ी बात है अभी प्रदेश के 13 जिलों में एक भी संक्रमित मामला सामने नही आया है. जिसमें बारां, झालावाड़, बूंदी, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, राजसबंध, जोधपुर, पाली, सिरोही, जैसलमेर, बाड़मेर, श्रीगंगानगर और नागौर हैं.
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