Rajasthan Polictics: राजस्थान में सियासी माहौल पूरी तरह से गरमाया हुआ है. एक तरफ जहां बताया जा रहा है कि कांग्रेस के उन विधायकों ने अपना इस्तीफा वापस लेना शुरू कर दिया है, जिन्होंने 25 सितंबर को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को अपना इस्तीफा सौंपा था. इस बीच इसके पीछे उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की याचिका का दबाव बताया जा रहा है. वहीं राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि अब 2 जनवरी को हाई कोर्ट में हमारी याचिका पर सुनवाई होने वाली है, इसलिए ये सब हो रहा है, लेकिन ये सरकार जरा भी गंभीर नहीं है. अशोक गहलोत ने बस अपनी कुर्सी बचाई है. कई सवालों के जवाब राजेंद्र राठौड़ ने दिए हैं. 


'गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद लगा छोटा'
राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोटा लगा था, इसलिए उन्होंने 25 सितंबर को ये पूरी नौटंकी की गई. विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंपा गया. अब क्यों वापसी हो रही है. क्या उस दिन मजाक किया जा रहा था? 95 दिन बीत जाने के बाद 92 विधायक इस्तीफा वापस क्यों ले रहे है. इन सभी बातों से दुखी होकर कोर्ट गया था. जब विधानसभा अध्यक्ष ने कोई निर्णय नहीं लिया तो क्या करता? कोर्ट की खंडपीठ ने जब नोटिस जारी की है तो जाकर अब कांग्रेस विधायक एक्टिव हुए हैं." 


'त्यागपत्र वापस लेने के लिए कोई कानून नहीं'
राजेंद्र राठौड़ ने आगे कहा, "संविधान में इस्तीफा देने का प्रावधान है लेकिन लेने का नहीं. जब इस्तीफा दे दिया गया तो सरकार के वो मंत्री कैबिनेट में बैठक क्यों किए. वो तो वही बात हुई कि हम ही थूकेंगे भी और हम ही चाटेंगे. ये जो हो रहा है बहुत दुखद है. विधानसभा का मजाक उड़ाया जा रहा है. ये सरकार गंभीर नहीं है. जब इस्तीफा देने की बात मीडिया के सामने हुआ था तो वापसी का क्यों नहीं हो रहा है."


'जन आक्रोश यात्रा सफल रही'
राजेंद्र राठौड़ ने कहा, "नकल माफियों के तार सरकार से जुड़े हैं. जन आक्रोश यात्रा पूरी तरह सफल रही है. सरकार की उन सभी गलत नीतियों का लगातार विरोध किया जा रहा है. हम सरकार को उखाड़ फेकेंगे. सरकार जनता के साथ मजाक कर रही है. अपनी कुर्सी बचाने के लिए सारा खेल खेला जा रहा है. नए साल में सरकार के खिलाफ आंदोलन और तेज किया जायेगा. सरकार को मनमानी नहीं की जाने दी जाएगी. युवाओं के साथ मजाक किया जा रहा है."


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