राजस्थान में आने वाले विधानसभा चुनाव ने भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस सरकार को हटाकर अपना राज स्थापित करने के लिए 2 सितंबर यानी कल से राजस्थान के 4 स्थानों से परिवर्तन यात्रा निकाली जाएगी. भाजपा पूरी तरह से इसमें जुटी हुई है. लेकिन इस बीच एक चौकाने वाली खबर सामने आई है. भाजपा की परिवर्तन यात्रा के एक दिन पहले आज 1 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे देव दर्शन यात्रा करने के लिए निकली है. इस खबर ने सियासी गलियारों में चर्चाएं छेड़ दी है. लोगों के मन में कई सवाल उठ रहे हैं.


चारभुजा जी, श्रीनाथ जी और त्रिपुरा सुंदरी में करगी दर्शन

वसुंधरा राजे हेलीकॉप्टर से राजसमंद के चारभुजा मंदिर पहुंची और यात्रा से यात्रा का आगाज कर दिया है. इसके बाद वह यहां से नाथद्वारा के श्रीनाथ मंदिर जाएंगी. यहां दर्शन करने के बाद बांसवाड़ा के त्रिपुरा सुंदरी में दर्शन करेगी. वहीं सवाईमाधोपुर के त्रिनेत्र गणेश जी मंदिर से निकलने वाली परिवर्तन यात्रा ने वसुंधरा राजे जाएगी या रहें इस पर संशय बना हुआ है. वसुंधरा के चारभुजा जी में आने से पहले ही कार्यकर्ताओं का जमावड़ा जम किया. 

 

तीन चुनाव में तीसरी बार चारभुजा से शुरुआत

बता दे कि वसुंधरा राजे तीन चुनाव में तीसरी बार अपनी यात्रा चारभुजा जी से शुरू करने जा रही है. वसुंधरा ने वर्ष 2013 विधानसभा चुनाव से पहले सूरज संकल्प यात्रा निकाली थी, फिर वर्ष 2018 में गौरव यात्रा निकाली थी, इन दोनों ही यात्राओं की शुरुआत राजसमंद जिले के चारभुजा जी से की थी अब वर्ष 2023 के चुनाव से पहले देव दर्शन यात्रा निकाली जा रही है वह भी चारभुजा जी से ही.

 

सियासी गलियारों में चर्चाएं

भारतीय जनता पार्टी द्वारा 2 सितंबर से प्रदेश भर में निकाली जा रही परिवर्तन यात्रा के एक दिन पहले वसुंधरा राजे की देव दर्शन यात्रा होने पर सियासी गलियारों में भारी चर्चा का माहौल चल रहा है. लोग बातें कर रहे हैं वसुंधरा अपना शक्ति प्रदर्शन कर रही है. साथ ही परिवर्तन यात्रा में लीड नहीं करने पर नाराजगी दिखाई दे रही है. क्योंकि परिवर्तन यात्रा में वसुंधरा को चेहरा नहीं बनाया गया है.

लेकिन राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि वसुंधरा पार्टी को दिखाना चाहती है कि राजस्थान में अब भी वर्चस्व है. यह भी सही है कि पार्टी बिना वसुंधरा के चुनावी मैदान में नहीं उतरेगी. वसुंधरा को साथ लेकर ही चुनाव लड़ेगी.