Dholpur News: राजस्थान के धौलपुर जिले के मनियां पुलिस थाने में तैनात थानाधिकारी नरेश चंद्र शर्मा का 22 महीने का बेटा हृदयांश दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी एसएमए टाइप-2 से ग्रसित है. जानकारी के अनुसार हृदयांश अपने पैरों पर खड़ा नहीं हो सकता है. डॉक्टर ने इलाज के लिए दो माह की अवधि में 17.5 करोड़ रुपए मूल्य का एक इंजेक्शन ZOLGESMA की जरूरत बताई है. क्यों की हृदयांश 22 माह का हो गया है और यह इंजेक्शन 24 माह के बच्चे को ही लग सकता है.
अब हृदयांश के लिए दो माह में ही इंजेक्शन लग सकता है. इंजेक्शन की कीमत 17.5 करोड़ बताई गई है. दो महीने में इतनी बड़ी रकम की व्यवस्था करना हृदयांश के पिता नरेश चंद्र शर्मा के लिए संभव नहीं है. नरेश चंद शर्मा की मजबूरी को देखते हुए कुछ सोशल मीडिया वालों ने इसकी एक मार्मिक अपील सोशल मीडिया पर कर आमजन केन्द्र व राज्य सरकार सहित एमएलए, एमपी मंत्रियों के अलावा सामाजिक संगठनों से आर्थिक सहयोग करने की अपील की थी.
पुलिस महानिदेशक ने की अपील
राजस्थान पुलिस के महानिदेशक यूआर साहू ने हृदयांश की दुर्लभ अनुवांशिक बीमारी एसएमए टाईप-2 बीमारी और पिता सब इन्स्पेक्टर नरेश चंद्र शर्मा की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए समस्त जिले के पुलिस अधीक्षकों को ईमेल भेज कर हृदयांश की बीमारी (S.M.A.) का इलाज कराने के लिए सब इंस्पेक्टर नरेश चंद शर्मा की मदद करने की अपील की है. डीजीपी ने अपील में लिखा है कि भरतपुर रेंज में कार्यरत नरेश शर्मा सब इंस्पेक्टर के बेटे के बेटे हृदयांश एक स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी नामक बीमारी से ग्रसित है.
डॉक्टर के अनुसार इस बीमारी का एक मात्र उपचार ( ZOLGENSMA INJECTION ) इस प्रकार की बीमारी S.M.A. जैसी बीमारी से ग्रसित बच्चों जीवन जीने की आशा प्रदान करता है. इसलिए इनके पास ज्यादा समय नहीं है इनके बच्चे का जीवन गंभीर संकटापन्न की स्थिति में है. समस्त पुलिस परिवार से आग्रह करना चाहते है की सहानुभूति पूर्वक इस बच्चे की जीवन रक्षा के लिए अर्थी मदद करें. इसी प्रकार भरतपुर रेंज के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने भी रेंज के सभी पुलिस परिसर से उप निरीक्षक नरेश चंद शर्मा की आर्थिक मदद करने की अपील की है.
पुलिस अधीक्षक ने की अपील
धौलपुर के जिला पुलिस अधीक्षक बृजेश ज्योति उपाध्याय ने बताया है की हमारे पुलिस विभाग में तैनात एक सब इंस्पेक्टर नरेश शर्मा जो अभी मनियां थाने पर स्थापित है उनके बच्चे को एक बहुत ही अनुवांशिक बीमारी आई है जांच में जो ऐसी बीमारी है की बच्चे का जीवन खतरे में है उस बीमारी का इलाज बाहर का एक इंजेक्शन है जो इंजेक्शन इंडिया में नहीं मिलता है इसकी कीमत भी 17 करोड़ 50 लाख है. में समस्त पुलिस के कर्मचारियों और अधिकारियों साथ ही आमजन से अपील करना चाहूंगा की आप अपने स्तर पे जो भी मदद करेंगे तो जो बच्चा जिसकी उम्र अभी दो साल भी है उसकी जान बच सकती है.
यह अमाउंट इतना ज्यादा है की हमारा पुलिस विभाग भी प्रयत्न कर रहा है लेकिन पूरा नहीं हो पायेगा. जितनी भी सामाजिक संस्था है चैरिटेबल सोसायटी है जो इस तरह के क्षेत्रों में दान करती है में अपील करना चाहता हूँ की सभी लोग आगे आयें और बच्चे के अकाउंट में आर्थिक सहायता प्रदान करें.