Rajasthan News: राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं के लिए बुरी खबर है. बिजली विभाग झटका देने वाला है. घाटे को पूरा करने के लिए सरचार्ज वसूलने की तैयारी कर ली गई है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बजट भाषण में बिजली उपभोक्ताओं को राहत देने का एलान किया था. राजस्थान में बिजली संकट का मुकाबला करने के लिए एक्सचेंज से महंगी बिजली खरीदी जा रही है. समय पर नए प्लांट चालू और कोयले का संकट दूर नहीं होने का खामियाजा उपभोक्ताओं को बढ़े हुए बिजली बिल के तौर पर भुगतना होगा. 


राजस्थान में बिजली उपभोक्ताओं को झटका


पिछली बार की तरह इस साल भी 33 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली की जा सकती है. प्रदेश में करीब 1 करोड़ 52 लाख बिजली उपभोक्ताओं से फ्यूल सरचार्ज की वसूली होती है. इनमें से 1 करोड़ 19 लाख केवल घरेलू उपभोक्ता हैं, जबकि कॉमर्शियल 14 लाख, इंडस्ट्रियल 3.54 लाख कनेक्शन हैं. एग्रीकल्चर का 15.41 लाख के करीब बिजली कनेक्शन है. सामान्य तौर पर साढ़े 4- 5 रुपए यूनिट में मिलने वाली बिजली 12-17 रुपए प्रति यूनिट खरीदी जा रही है.


देशभर में डिमांड होने के कारण कई बार इसकी दर 20 से 25 रुपए तक पहुंच जाती है. सभी डिस्कॉम महंगी बिजली खरीदकर घाटे की भरपाई बिल में सरचार्ज लगाकर करने की तैयारी में हैं. बिजली विभाग 33 पैसे प्रति यूनिट रेट बढ़ा सकता है. राजस्थान में मौजूद बिजली प्लांट्स से खरीद करने पर बिजली रेट 4 रुपए 20 पैसे से 4 रुपए 45 पैसे तक रहती है. साल 2021 में भी 13 हजार 793 करोड़ रुपए की बिजली खरीदी की गई थी. बिजली कंपनियां फ्यूल सरचार्ज में बढ़ोतरी कर उपभोक्ताओं पर भार डाल देती हैं.


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बिजली की खपत 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ी


राजस्थान में भीषण गर्मी और लू के चलते बिजली की खपत 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है. प्रदेश में बिजली घरों की 5 यूनिट में प्रोडक्शन बंद पड़ा है. कोयले की कमी के कारण भी फुल कैपेसिटी में बिजली का उत्पादन नहीं हो पा रहा है. 15 मई के बाद तक छत्तीसगढ़ से कोयले की सप्लाई में सुधार हो सकेगा. लेकिन तब तक महंगी बिजली खरीदकर सप्लाई दी जा रही है. पिछले साल बिजली की रोजाना औसत खपत 1990 लाख यूनिट रही थी. लेकिन मौजूदा वक्त में बिजली की प्रतिदिन खपत 2500 लाख यूनिट पार पहुंच चुकी है. 


फ्यूल सरचार्ज वसूली हर तीन महीने में होती है. पिछले क्वार्टर के आधार पर कैलकुलेशन करते हुए मिडिल क्लास घर का उदाहरण लें तो महीने में 350 यूनिट बिजली यूज होने पर उपभोक्ता को करीब 347 रुपए तीन महीने के बिल पर चुकाने होंगे. ज्यादा बिजली कंज्यूमर होने पर उसी अनुपात में अमाउंट बढ़ता जाएगा. एक अनुमान के अनुसार जयपुर डिस्कॉम ही 250 करोड़ रुपए से ज्यादा वसूली करता है. तीनों डिस्कॉम 550 से 650 करोड़ रुपए तक उपभोक्ताओं से वसूलते हैं. मार्च में विधानसभा बजट सत्र के दौरान ऊर्जा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा था कि बिजली की मांग बढ़ने का प्रदेश में सूखा पड़ना था.


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