(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Beawar News: ब्यावर नगर परिषद में काबिज बीजेपी के खेमे में सब कुछ ठीक नहीं, आई है ये खबर
Rajasthan Politics News: राजस्थान में बीजेपी में गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है. ताजा मामला राजस्थान के ब्यावर का है. यहां नगर परिषद की सत्ता पर काबिज बीजेपी बोर्ड में कलह मची है.
Rajasthan Politics: राजस्थान में एक ओर बीजेपी सूबे की सत्ता में वापसी का जतन कर रही है तो दूसरी ओर पार्टी में ही गुटबाजी खुलकर सामने आ रही है. ताजा मामला राजस्थान (Rajasthan) के ब्यावर (Beawar) का है, जहां नगर परिषद की सत्ता पर काबिज बीजेपी बोर्ड में कलह मची है. यहां कुर्सी पर आसीन सभापति नरेश कनौजिया अपनों के ही निशाने पर हैं. उपसभापति रिखबचंद खटोड़ के बाद अब बीजेपी पार्षदों ने भी सभापति की कार्यशैली पर सवाल उठाकर गंभीर आरोप लगाते हुए असंतोष जताया है. पार्षद हरीश सांखला, पिंकी कुमावत, मुन्नी गहलोत ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को शिकायत भेजी है.
'नगर परिषद में फैल रहा भ्रष्टाचार'
जनप्रतिनिधियों का आरोप है कि ब्यावर नगर परिषद में बीजेपी (BJP) बोर्ड होने के बावजूद पार्टी पार्षदों की सुनवाई नहीं हो रही है. वार्ड संख्या 59 के बीजेपी पार्षद हरीश सांखला ने एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए आरोप लगाया कि प्रदेश की सबसे पुरानी नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही के कारण आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
शहर की जनता सड़क, सफाई, बिजली जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है. नगर परिषद में भ्रष्टाचार फैल रहा है. शहर में धड़ल्ले से अवैध इमारतें बन रही है. युवा होने के नाते सभापति से उम्मीदें थी मगर जनता की उम्मीदों पर वो खरा नहीं उतरे और अपने कार्यकाल में पूरी तरह नाकाम रहे.
वार्ड संख्या 2 की बीजेपी पार्षद मुन्नी गहलोत ने कहा कि वर्तमान बोर्ड का करीब आधा कार्यकाल होने के बाद भी अब तक समितियों का गठन नहीं हुआ है. परिषद में बैठकें नहीं होती. पार्षदों से विकास की कोई चर्चा नहीं होती. स्वास्थ्य निरीक्षक ने कभी वार्ड विजिट नहीं की. सभापति खुद भी कभी वार्डों में जाकर नहीं देखते. उनकी काम करने की इच्छाशक्ति नहीं है.
पूरे शहर में समस्याओं का अंबार- बीजेपी पार्षद पिंकी कुमावत
वार्ड संख्या 36 की बीजेपी पार्षद पिंकी कुमावत का कहना है कि परिषद में समस्याओं का अंबार लगा है. परिषद में 450 कर्मचारी होते हुए भी पूरा शहर गंदा है. परिषद के पास और आयुक्त आवास के सामने ही गंदगी का अंबार लगा है. शहर की सड़कें टूटी है. वार्डों में स्ट्रीट लाइटें नहीं होने से अंधेरा है. सार्वजनिक पार्क बदहाल है. सड़कों और सीवरेज की समस्या से पूरा शहर त्रस्त है. वार्डवासियों को जवाब देना मुश्किल हो रहा है.
असंतुष्ट पार्षदों ने दिया था धरना
ब्यावर नगर परिषद में सत्तारूढ़ पार्टी के पार्षदों की यह नाराजगी नई नहीं है. सीएम से शिकायत करने वाले इन तीनों असंतुष्ट पार्षदों ने चार माह पहले 31 जनवरी को परिषद में रोशनी शाखा की तालाबंदी कर धरना भी दिया था. जन समस्याओं को लेकर अपने ही बोर्ड के खिलाफ 7 घंटे तक धरने पर बैठे रहने के बाद सभापति ने इनसे वार्ता की थी.
तब सभापति ने धरना समाप्त करवाने के लिए लिखित में वादा किया था कि पार्षदों की समस्याएं दूर करेंगे मगर आज भी समस्याएं जस की तस बनी हुई है. असंतुष्ट पार्षदों ने सभापति से कई बार व्यक्तिगत मुलाकात कर लिखित और मौखिक रूप से समस्याएं बताईं मगर उन्होंने ध्यान नहीं दिया.
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