Right to Health Bill: राजस्थान विधानसभा में 23 सितंबर शुक्रवार को 'स्वास्थ्य का अधिकार' विधेयक पर चर्चा शुरू हुई. सरकार इस विधेयक को चर्चा के बाद आज 23 सितंबर शुक्रवार को पारित करवाना चाहती है. स्वास्थ्य मंत्री परसादी लाल मीणा (Parsadi Lal Meena) ने विधेयक 'राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022' को विचारार्थ प्रस्तुत किया. विधेयक के अनुसार इस पर प्रति वर्ष 14.55 करोड़ रुपये का आवर्ती खर्च हो सकता है जिसमें 14.50 करोड़ रुपये मानव संसाधन पर खर्च होंगे. राजस्थान सरकार ने लोगों को स्वास्थ्य का अधिकार देने के लिए एक विधेयक गुरुवार को सदन में पेश किया.
सरकार RGHS जैसी योजनाएं चला रही
इस विधेयक के अनुसार राजस्थान सरकार यद्यपि, चिकित्सा कॉलेजों, सह-अस्पतालों, जिला और उप-जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों और उप-केंद्रों को चलाये जाने के लिए आवंटित नियमित बजट के अलावा, मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना, राजस्थान सरकार स्वास्थ्य स्कीम (आर.जी.एच.एस.) जैसी लोकप्रिय योजनाएं भी चला रही है. राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सर्वोत्तम उपभोग किये जाने के लिए नागरिकों को विधिक अधिकार और हक प्रदान करना चाहती है.
इसलिए, जन स्वास्थ्य के राजस्थान मॉडल की प्रभावशीलता और क्रियान्वयन को बढ़ाये जाने के लिए, राज्य सरकार ने पूर्व सक्रियता से स्वास्थ्य के अधिकार की सुरक्षा के लिए एक राज्य विधायन लाये जाने का निश्चय किया है, ताकि, निवासियों का अधिकार सुनिश्चित किया जा सके. इस विधेयक में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण और जिला स्वास्थ्य प्राधिकरण गठित किए जाने का प्रस्ताव किया गया है.
इस विधेयक को लेकर सीएम ने कही थी ये बातें
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा था कि सरकार ‘स्वास्थ्य का अधिकार’ की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है. उन्होंने स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक को जल्द अंतिम रूप देने की बात की थी. सीएम ने कहा था कि इसमें रोगियों के हित में आवश्यक सभी प्रावधान सम्मिलित किए जाएंगे. सीएम गहलोत ने इस योजना के बारे में जागरूकता फैलाने के लिये उचित कदम उठाने की बात कही थी ताकि जानकारी के अभाव में कोई इससे वंचित ना रहे.
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