Rajasthan Congress Protest: राजस्थान में पूर्ववर्ती अशोक गहलोत (कांग्रेस) सरकार ने तेजी से नए जिलों और संभागों की घोषणा कर दी थी. हालांकि चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस ने बेहतर प्रदर्शन किया लेकिन जिन क्षेत्रों में जिलों की घोषणा हुई थी वहां बीजेपी और कांग्रेस ने बराबर का परिणाम हासिल किया. लोकसभा चुनाव में बीजेपी को कई जिलों में नुकसान हुआ है. बीजेपी ने दांव खेलते हुए आयोग का बना दिया और अब कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को बड़ा झटका लगा है. 


अलवर और सीकर में सियासी हालात बदल रहे हैं. इन्हीं दो नेताओं के सामने अब बड़ी परीक्षा और संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई है, जहां नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष ने एक जनवरी के बाद सड़क से संसद तक आंदोलन की चेतावनी दी है. वहीं अब बीजेपी इसके पूरे इंतजार में है कि यहां की जनता कितना इनके साथ खड़ी होती है. इस पर सियासत पूरी तरह गर्म हो गई है. राजस्थान में कुल  7 संभाग और 41 जिले रहेंगे.


नए साल से शुरू होगा 'हंगामा'


राजस्थान के उपचुनाव में कांग्रेस की बुरी हार हुई थी. जिसके बाद से कांग्रेस भी एक नए मुद्दे के तलाश में थी. अब जहां एक जुटता के लिए भी कांग्रेस काम करेगी वहीं पूर्व सीएम कांग्रेस अशोक गहलोत, सचिन पायलट, गोविंद सिंह डोटासरा, टीकाराम जूली जैसे प्रमुख नेताओं को दिल्ली में बैठे आलाकमान को भी अपनी ताकत का अंदाजा लगाना है. नए साल में विधानसभा सत्र शुरू होने वाला है. जिसके बाद से नए जिलों के ख़त्म होने के मुद्दे को विधानसभा में उठाया जा सकता है. उसके बाद सीपीआईएम और अन्य दल भी इस आंदोलन में उतर सकते हैं.


जिला परिषदों, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों का पुनर्गठन


संसदीय कार्य मंत्री ने बताया था कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार ने अपने कार्यकाल के आखिरी वर्ष में प्रदेश में 17 नए जिले एवं 3 नए संभाग बनाने का निर्णय लिया था, जिसके क्रम में राजस्व विभाग द्वारा 5 अगस्त 2023 को अधिसूचना जारी कर जिलों और संभागों का सृजन किया गया था. अब जिला परिषदों, पंचायत समिति और ग्राम पंचायतों का भी पुनर्गठन किया जाएगा. 


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