Monsoon 2024: चंबल नदी के सभी बांधों पर प्रशासन की नजर, कोटा DM ने इस बैराज पर तैयारियों का लिया जायजा
Kota News: कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने कोटा बैराज का निरीक्षण किया. चंबल पर बने गांधी सागर डैम की बात करें तो यह अभी 41 प्रतिशत खाली है, जबकि राणा प्रताप सागर 27 प्रतिशत खाली है.
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Rajasthan News: मानसून आने के बाद लगातार हो रही बारिश को देखते हुए चंबल नदी पर बने चार बड़े बांधों पर व्यवस्थाएं चाक चौबंद करने के लिए राजस्थान प्रशासन पूरे प्रयास कर रहा है. कोटा जिला कलेक्टर डॉ. रविन्द्र गोस्वामी ने कोटा बैराज का निरीक्षण किया और वहां उपस्थित अधिकारियों से चर्चा की. जिला कलेक्टर रविन्द्र गोस्वामी ने बताया कि यदि बरसात तेज होती है तो किस तरह से व्यवस्था करनी है इसकी पूरी तैयारी हो चुकी है.
पुलिस और जिला प्रशासन को पूरी स्थिति से अवगत करा दिया गया है. चंबल पर बने सबसे बड़े गांधी सागर डैम की बात करें तो यह अभी 41 प्रतिशत खाली है, जबकि राणा प्रताप सागर 27 प्रतिशत खाली है. वहीं जवाहर सागर और कोटा बैराज डेम सहायक है, अगर आगे से पानी की आवक होती है तो इन्हें खोल दिया जाता है.
अगस्त तक अच्छी बारिश हुई तो खोलना पड़ेगा गेट
इंजीनियर भारत रत्न गौड चंबल खंड कोटा ने बताया कि हमने पूरी व्यवस्था कर रखी है, यदि पानी की ज्यादा आवक होती है तो कितना पानी छोड़ना है. यदि ज्यादा छोड़ते हैं तो प्रशासन को अवगत कराते हैं कि जहां निचली बस्ती में लोग रहते हैं उन्हें शिफ्ट करें. कोटा बैराज की 7 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने की क्षमता है, यदि पानी तेज बहाव से आता है तो 24 घंटे हम पूरी तरह से तैयार हैं.
एसई वाटर रिसोर्स केडी अंसारी ने बताया कि अभी गांधी सागर बांध खाली है. पहले उसे पूरी क्षमता से भरा जाएगा, अन्य जगह भी करीब यही स्थिति है. अनुमान है कि इसे भरने में ही काफी समय लगेगा. माना जा रहा है कि यदि अगस्त महीने तक अच्छी बरसात होती है तो गेट खोले जाएंगे. कोटा बैराज में आसपास के पानी की तेज आवक से ही गेट खोलने होते हैं, लेकिन मुख्य रूप से आगे बने डैम से पानी की आवक होती है तो बांधों के गेट खुलते हैं. इस बार बरसात की अच्छी संभावना को देखते हुए अतिरिक्त व्यवस्था की गई है.
कहा कितना पानी?
एसई केडी अंसारी ने बताया कि गांधी सागर में 7164.95 मिलियन क्यूबिक मीटर, राणा प्रताप सागर 2904.85 मिलियन क्यूबिक मीटर, जवाहर सागर 67.12 और कोटा बैराज में इस समय 112.06 मिलियन क्यूबिक मीटर जल भराव क्षमता है. इसकी तुलना में गांधी सागर में अभी 59 प्रतिशत पानी है, राणा प्रताप सागर में 78 प्रतिशत, जवाहर सागर में 97 और कोटा बैराज में 99 प्रतिशत जल भराव है, लेकिन मुख्य रूप से गांधी सागर है, जिसका भरना जरूरी रहती है.
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