National Scout Guide Jamboree: राष्ट्रपति दौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने बुधवार को राजस्थान (Rajasthan) में 18वीं राष्ट्रीय स्काउट गाइड जम्बूरी का उद्घाटन कर युवाओं का हौसला बढ़ाया. पाली (Pali) जिले के रोहट में आयोजित भव्य कार्यक्रम में राज्यपाल कलराज मिश्र (Kalraj Mishra), मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और भारत स्काउट गाइड के अध्यक्ष अनिल जैन समेत कई मंत्री और विशिष्ट अतिथियों ने शिरकत की. 'शांति के साथ प्रगति' थीम पर आयोजित इस जम्बूरी में बांग्लादेश, केन्या, मलेशिया और अन्य देशों समेत भारत के विभिन्न राज्यों से करीब 37 हजार स्काउट (Scout) और गाइड (Guide) भाग ले रहे हैं.


राष्ट्रपति ने युवाओं को दिया प्रेरक उद्बोधन


राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा कि स्काउट और गाइड जो भी काम करते हैं, दिल से करते हैं. भारत स्काउट गाइड तन, मन, धन से पूरे विश्व के लिए काम करता है. यह संगठन लड़के-लड़कियों के चरित्र निर्माण का कार्य करता है. इनसे इंसानियत और मोहब्बत का जज्बा सीखें और जिंदगी में अपनाएं. खुशी है कि यह जम्बूरी ऐसी भूमि पर हो रही है, जो शौर्य और वीरता की भूमि है.


स्काउट-गाइड ने व्यक्तिगत लाभ के लिए नहीं, समाज के सामूहिक कल्याण के लिए खुद को शारीरिक रूप से मजबूत, मानसिक रूप से जागृत और नैतिक रूप से सही रखने का वादा किया है. जो वादा करते हैं उसे भरोसे, भाईचारे, विनम्रता, प्रकृति प्रेम, अनुशासन, साहस और मितव्ययता गुण के साथ निभाने का प्रयास करते हैं. मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने नस्लवाद के विरूद्ध बहादुरी से लड़ाई लड़ी, वो एक स्काउट था.


तकनीक में क्रांति लाने वाले बिल गेट्स ने भी स्काउट के रूप में काम किया था. युवा भारत के भविष्य निर्माता हैं. समाज की बेहतरी और भविष्य संवारने के लिए संघर्ष करने होते हैं. हम होंगे कामयाब सोच के साथ आगे बढ़ेंगे तो अवश्य ही कामयाबी कदम चूमेगी.


त्याग और तपस्या का संदेश


मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मैं भी बचपन में स्काउट रहा. स्काउट-गाइड बनना फख्र की बात है. यहीं से सामाजिक संस्कार सीखते हैं. बचपन में जो सीखेंगे, वो जीवन की प्रगति में सहायक होगा और जीवन सफल होगा. यह मुल्क अनेकता में एकता का मुल्क है. यहां अनेक भाषा, पहनावा और संस्कृति है. जम्बूरी जैसे आयोजन में एक-दूसरे की संस्कृति को देखने और सीखने का अवसर मिलता है.


सीएम ने कहा कि मुझे गर्व है कि राजस्थान के 37 हजार स्कूल-कॉलेजों में करीब 12 लाख स्काउट्स और गाइड्स हैं. कोरोना काल, आपदा प्रबंधन, नशा मुक्ति व अन्य कई सामाजिक सेवा कार्यों में इनकी भागीदारी रहती है. उम्मीद है कि राजस्थान की धरती से त्याग और तपस्या का संदेश पूरे मुल्क में लेकर जाएंगे.


समृद्ध और सांस्कृतिक प्रदेश है राजस्थान


राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि राजस्थान समृद्ध और सांस्कृतिक प्रदेश है. यह गौरव का क्षण है कि 18वीं जम्बूरी राजस्थान में हो रही है. 67 साल पहले जब जम्बूरी आयोजित हुई थी तब से अब तक तक काफी कुछ बदल गया है. धोरों की धरती से सभी को शुभकामनाएं. जम्बूरी का अर्थ होता है, आपस में मिलकर चर्चा करना और सीखना. यह सभ्यता और संस्कृति को सीखने की सभा है. स्काउट-गाइड विश्व का ऐसा संगठन है जिसकी उम्र सबसे ज्यादा है. यह संगठन समाज के लिए समर्पित होकर कार्य कर रहा है.


राज्यपाल ने कहा कि अगर बच्चों में बचपन से ही अच्छे संस्कार दिए जाएंगे तो उनका जीवन और भविष्य बेहतर बनेगा. मेरी इस संगठन से निकटता रही है और मैंने अनुभव किया है कि यह संगठन मानव मात्र की सेवा को ही ध्येय मानकर कार्य करता है. यह संगठन नवयुवाओं में सेवा भाव उत्पन्न करता है. आपदा से सामना करने का साहस देता है. त्याग और सेवा स्काउट्स का गुण है. इन्हीं गुणों के साथ भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने का प्रयास करें.


वायुसेना के सूर्यकिरण विमान रहे आकर्षण


ऐतिहासिक जम्बूरी के उद्घाटन समारोह में भारत स्काउट गाइड के अध्यक्ष अनिल जैन और स्टेट चीफ कमिश्नर निरंजन आर्य ने भी संबोधन दिया. कार्यक्रम में विभिन्न संस्कृतियों की झलक देखने को मिली. देश के विभिन्न राज्यों की संस्कृति और लोक कलाओं का प्रदर्शन किया गया. भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) के सूर्यकिरण विमानों का प्रदर्शन विशेष आकर्षण का केंद्र रहा. सुमधुर बैंड ने संगीत की स्वर लहरियां बिखेरी. युवाओं ने शक्ति प्रदर्शन किया. मरु प्रदेश की जीवन शैली को कई माध्यमों से जीवंत किया गया.


67 साल बाद राजस्थान मेजबान


पाली में राष्ट्रीय स्काउट गाइड (National Scout Guide) के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर (International Level) की जम्बूरी आयोजित हो रही है. 67 साल बाद राजस्थान को इस जम्बूरी की मेजबानी मिली है. यह प्रदेश में स्काउट एवं गाइड का अब तक का सबसे बड़ा आयोजन है. राज्य सरकार ने इसे ऐतिहासिक रूप से सफल बनाने में किसी प्रकार की कमी नहीं रखी है. जम्बूरी की मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं कर रहे हैं. राजस्थान में इससे पहले वर्ष 1956 में दूसरी राष्ट्रीय जम्बूरी का आयोजन 27 से 31 दिसंबर तक जयपुर में हुआ था.


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